टाउन प्लानिंग के एचओडी एसएम श्रीवास्तव पर कड़ा एक्शन, शासन से किया अटैच
देहरादून। भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार की लगातार सख्त कार्रवाई जारी है। इस बार भ्रष्टाचार, गड़बड़ियों के आरोपों में टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट के एचओडी मुख्य नगर नियोजक शशि मोहन श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्हें तत्काल प्रभाव से शासन में अपर सचिव आवास कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ विस्तृत जांच बैठा दी गई है। मुख्य नगर नियोजक को शासन में अटैच कर उनके स्थान पर वरिष्ठ नगर नियोजक शालू थिंड को चार्ज दिया गया है। मास्टर प्लान, भूउपयोग परिवर्तन से जुड़े प्रकरणों समेत अन्य कई मामलों में बढ़ती शिकायतों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई की गई है। इसके लिए रविवार के दिन सचिवालय खुलवा कर मुख्य नगर नियोजक शशि मोहन श्रीवास्तव को शासन में अटैच किए जाने के आदेश किए गए। अपर सचिव आवास अतर सिंह की ओर से सीटीपी को शासन में अटैच किए जाने के आदेश किए गए। इसके अलावा उन पर लगे आरोपों की विस्तृत जांच भी की जाएगी।
भ्रष्टाचार, आम जनता की शिकायतों को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी की ओर से सख्ती दिखाई गई है। सीएम धामी की ओर से भ्रष्टाचार, शिकायतों पर लगातार सख्त रुख अपनाया जा रहा है। इस बार सीधे विभाग के एचओडी के खिलाफ ही कार्रवाई कर धामी सरकार ने बड़ा संदेश दिया। धामी सरकार में बेहद कम समय के भीतर भ्रष्टाचारी पकड़े जा रहे हैं। जेल भेजे जा रहे हैं। जांच के दायरे में फंस रहे हैं। एसआईटी का गठन हो रहा है। राज्य गठन के बाद ये पहला मौका है, जब भ्रष्टाचारियों पर इस कदर शिकंजा कसा जा रहा हो।
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। धामी सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई करते हुए बीते कुछ दिनों में लघु सिंचाई विभाग, वन विभाग, विद्युत विभाग एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के घूसखोर अधिकारी- कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया है। भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मुहिम 1064 नंबर भी जारी किया गया है। इस मुहिम के तहत यदि किसी भी सरकारी विभाग में कोई कर्मचारी, अधिकारी आम जनता से किसी भी तरह की रिश्वत मांगता है तो 1064 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत की जा सकती है। शिकायत करने वाले का नंबर गुप्त रखा जाएगा। भ्रष्टाचार की शिकायत पर बेहद सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जांच एजेंसियों को खुली छूट दी गई है।