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जल्द ही भारत वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त हो जाएगाः शाह

देहरादून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने झारखंड के हजारीबाग में सीमा सुरक्षा बल के 59वें स्थापना दिवस परेड समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर शाह ने स्पष्ट किया कि, ‘मोदी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि अब जल्द ही भारत वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त हो जाएगा।’पूरा देश जानता है कि दशकों से भारत के विकास में वामपंथी उग्रवाद एक बाधा बन कर खड़ा रहा है, लेकिन आजाद भारत के किसी भी सरकार ने इस समस्या का समाधान नहीं निकाला। वामपंथी उग्रवाद का दंश झेल रहा क्षेत्र और भी पिछड़ता चला गया। साल 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद से निपटने की दिशा में जोर-शोर से प्रयास किया जाने लगा। साल 2019 में जब अमित शाह ने केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभाला, उसके बाद मोदी-शाह की जोड़ी ने वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल की है। मोदी जी की दूरदर्शिता और शाह की सटीक रणनीतियों से साल 2022 और 2023 में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ बड़ी सफलताएँ प्राप्त हुई हैं। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के नए शिविर की स्थापना और उनकी तैनाती शाह की योजनाओं की प्राथमिकता है। 199 नए कैंपों की स्थापना और गश्त बढ़ने से वामपंथी उग्रवादियों की सभी प्रकार के संसाधनों में कमी आई है। पिछले 9 सालों में मोदी सरकार के प्रयासों की वजह से हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी और मृत्यु की घटनाओं में 70ः की कमी आई है। प्रभावित जिले 96 से घटकर 45 रह गए हैं और पुलिस स्टेशन 495 से घटकर 176 रह गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में इतिहास में पहली बार इन जंगलों से घिरे गाँवों में मतदान केंद्र बने और लोगों ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दुर्गम इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुए, जो क्षेत्र को नक्सलवाद से मुक्त करने और विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में शाह के अकूत प्रयासों को दर्शाता है। दशकों से नक्सलवाद और लाल आतंक का गढ़ रहे झारखंड का बूढ़ा पहाड़ और खरबंदा जैसे दुर्गम क्षेत्र अब नक्सलियों के कब्जे से पूरी तरह मुक्त हो चुका है। जिस बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलवादी जन अदालत लगाकर क्षेत्र के निवासियों पर अपना फरमान जारी करते थे, उस बूढ़ा पहाड़ पर अब स्कूल खुल चुका है। सिमटते हुए वामपंथी उग्रवाद पर अंतिम प्रहार करने के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी तीनों तैयार है। आज अमृतकाल में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अंतिम कगार पर है। ऐसे में, वामपंथी उग्रवाद से देश को मुक्त कराने के लिए कटिबद्ध मोदी-शाह की जोड़ी का यह दावा सच साबित होने वाला है कि अब वह दिन दूर नहीं जब पूरा देश वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा।

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