पिटकुल के दागी अफसर के प्रमोशन की तैयारी जोरों पर
देहरादून। पिटकुल पूर्व से ही तबादलो में लेनदेन के विवादों से घिरा रहा है परंतु विभाग के आला अधिकारियों की कुकृत्य यहीं नही थम रहे है बल्कि जिन अधिकारियों की पदौन्नति की जा रही है उनके पदौन्नति पश्चात मलाईदार पद देने का भी फैसला बन्द कमरो में किया जा चुका है। पद ग्रहण करने के पश्चात कौन – कौन से मंसूबो को अंजाम देना है ये भी लगभग तय है। सूत्रों की माने तो विभाग के आला अधिकारी शासन को गुमराह कर दागी अफसर के प्रमोशन की तैयारी में पूरे जोरो से जुटे है।
जीरो टॉलरेन्स का हवाला देने वाली TSR सरकार को भी धोखे में रख कर वर्षो पूर्व पाय गए दोषी अधिकारी जो की पूर्व में मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर के साथ मिलीभगत कर कंपनी द्वारा कराये फर्जी सर्वे के कर्णधार रहे है और जिस फर्जी सर्वे की वजह से वो परियोजना आज तक नहीं बनाई जा सकी व ADB का लोन भी लैप्स हो गया था एवं जिसके खिलाफ विभाग के निदेशक स्तर जांच सीमिति के आदेशो अनुसार मुकदमा दर्ज कराया जाना था। जो फ़ाइल विभाग में दबा दी परन्तु दोष पूर्णतयः समाप्त हुए भी नही और उसी दोषी अधिकारी को अति सुगम स्थान देहरादून हेडक्वार्टर में नियुक्तिकरण किया ओर तो ओर उसकी पदौन्नति के अधिक्षण अभियन्ता बना दिया गया ओर अब मुख्य अभियन्ता के पद पर नवाज कर क्रय विभाग का मुखिया बनाने की तैयारी मैं जुटा है विभाग ताकि मामले को अमलीजामा पहनाया जा सके और जनता की आंखों में धूल झोंकी जा सके। ऐसा क्यों किया जा रहा है। इसके बारे में अधिकारी अब भी कुछ बताने को तैयार नहीं हैं कहीं कोई उच्च स्तरीय वर्द्धस्त तो प्राप्त नही जो इतनी सारी अनियमताओ को अंजाम दिया जा रहा है। जब की ज्योति कंपनी द्वारा कराये गए सर्वे कार्य में अनगिनत खामिया थी जो की स्पष्ट इंगित करता है कि धरातल में सर्वे कार्य किया नहीं गया था केवल दफ्तर में बैठकर लीपापोती कर करोड़ों रुपयों का भुगतान कंपनी को कर बन्दर बांट की गयी।आज भी यदि ज्योति कंपनी द्वारा किये गए सर्वे का स्थलीय सत्यापन करा लिया जाये तो दूध का दूध पानी का पानी हो बावजूद इसके विभाग ने जांच की फ़ाइल को दबा दिया गया और विभाग प्रमोशन कर नए घोटालो की योजना बनाने में जुट गया। अब शासन कितना इस मामले को संजीदा लेता है उस पर विभाग का भविष्य निर्भर करेगा।