मर्म चिकित्सा अपने अंदर की शक्ति को पहचानने जैसाः मधुसूदन आर्य
हरिद्वार। मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने डॉ सुनील जोशी को उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय का कुलपति बनने पर बधाई दी है। उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि डॉ सुनील जोशी का मेडिकल और वैदिक विज्ञान में एक लंबा पुरस्कृत कैरियर है और उनके नाम से अनेकों पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। डॉ जोशी वैदिक चिकित्सा विज्ञान, विशेष रूप से मर्म विज्ञान और मर्म थेरेपी के सिद्धांतों को पेश करेंगे। डॉ जोशी ने सामान्य और पुरानी बीमारियों के हजारों रोगियों का इलाज किया है।
मर्म विज्ञान और मर्म थेरेपी पर विकास और पुनः स्थापना के लिए उनके विशेष योगदान ने विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में मर्म विज्ञान और थेरेपी सिलेबस को पेश करने में मदद की। मधुसूदन आर्य ने कहा मर्म चिकित्सा वास्तव में अपने अंदर की शक्ति को पहचानने जैसा है। शरीर की स्वचिकित्सा शक्ति (सेल्फ हीलिंग पॉवर) ही मर्म चिकित्सा है। मर्म चिकित्सा से सबसे पहले शांति व आत्म नियंत्रण आता है और सुख का अहसास होता है।
इस अवसर पर मानव अधिकार संरक्षण समिति के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा, तोष जैन, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ विशाल गर्ग, राष्ट्रीय अतिरिक्त महामंत्री कमला जोशी, कनखल नगर अध्यक्ष रेखा नेगी, राष्ट्रिय उपाध्यक्ष डॉ पंकज कौशिक, राष्ट्रिय उपाध्यक्ष उद्योग नरेश जैनर, प्रांतीय सचिव हेमंत सिंह नेगी, जिला अध्यक्ष सुनीता जोशी, प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती रत्नेश गौतम, राष्ट्रीय महामंत्री राम गोपाल गुप्ता, जिलाध्यक्ष, हरिद्वार लायन एस.आर. गुप्ता, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अंकुर गोयल, श्रीमती कमला अग्रवाल, नानक चंद अग्रवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आर्य प्रवीण वैदिक, सतीश अग्रवाल, इरा गुप्ता, नगर अध्यक्ष शिवालिक नगर, ममता मेहता, नगर सचिव शिवालिक नगर तथा अनेक पदाधिकारियों ने डॉ सुनील जोशी को बधाई दीद्य