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मानवीय मूल्यों को मिटाता है आतंकवाद:-ज्योति बाबा
कानपुर। आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों आतंकवाद के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों,आतंकी हिंसा से दूर रखना है इसी उद्देश्य से स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालयों में आतंकवाद और हिंसा के खतरों पर परिचर्चा वाद-विवाद संगोष्ठी सेमिनार और व्याख्यान आदि का आयोजन किया जाता है उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के तहत सोसायटी योग ज्योति इंडिया व मिडास परिवार के संयुक्त तत्वाधान में विश्व हिंदू सेवा संघ के सहयोग से कोरोना गाइडलाइंस के तहत आयोजित वेबीनार शीर्षक आतंकवाद से मानवता को कैसे बचाएं पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही।
ज्योति बाबा ने आगे कहा कि देश में 5 करोड़ से ज्यादा रेगुलर ड्रग्स एडिक्ट ही आतंकवाद को हथियार उपलब्ध करवाने का साधन बन रहे हैं क्योंकि आतंकवाद की मुख्य आय का स्रोत ड्रग्स का अवैध व्यापार है और हर ड्रग्स की पुड़िया का सेवन करने वाला हमारे सीमा पर खड़े सैनिक को मारने के लिए परोक्ष रूप से धन उपलब्ध करा रहा है इसीलिए आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए ड्रग्स नशा को अपने जीवन से निकालना होगा, तभी हम अपने सनातन हिंदू संस्कृत की पुरजोर रक्षा कर पाएंगे। मिडास परिवार के उपेंद्र मिश्रा ने कहा कि आतंकवाद विरोधी दिवस पर देश के लोगों में एकता को बढ़ावा देना, युवाओं में देशभक्ति जगाना और आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना, शांति और मानवता के संदेश को फैलाना प्रमुख है। विश्व हिंदू सेवा संघ के शैलेंद्र पांडे शैलू भैया ने कहा कि आतंकवाद की जड़ में है संविधान विरोधी सोच,मानवता विरोधी सोच, हमें उस सोच को अपने बीच के लोगों में बदलने का कार्य गंभीरता से करना होगा और नशे के अवैध व्यापार पर प्रतिबंध लगाना होगा। वेबीनार का संचालन समाज सेवी संघप्रिय गौतम व सभी का आभार बिंदु अग्रवाल व प्रीति सोनकर ने दिया। आतंकवाद विरोधी दिवस पर ज्योति बाबा ने खुशहाली स्वरूप एक पेड़ भी लगाया। अंत में योग गुरु ज्योति बाबा ने आतंकवाद विरोधी शपथ सभी को दिलाई। हम भारतवासी अपने देश की अहिंसा और सहनशीलता की परंपरा में विश्वास रखते हैं और निष्ठा पूर्वक शपथ लेते हैं कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करेंगे, हम मानव जाति के सभी वर्गों के बीच सामाजिक सद्भाव और सूझबूझ कायम रखने और मानव जीवन मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ लेते हैं।