Uttarakhand

केंद्रीय टीम ने जल संरक्षण व जल संवर्द्धन कार्यों का निरीक्षण किया

नैनीताल। जल शान्ति अभियान के तहत पेयजल एवं सेनिटेशन भारत सरकार की टीम अपर सचिव डाॅ एसएस सन्धू के नेतृत्व में जल संचय, सरंक्षण जल सर्वद्धन में किये जा रहे कार्यों के निरीक्षण हेतु मंगलवार को जनपद भ्रमण पर पहुँचीं। टीम में अपर सचिव पेयजल एवं सेनिटेशन डाॅ सुखवीर सिंह संधू के साथ उपसचिव मृत्युंजय झां, समिता अरोरा, वैज्ञानिक टी थाॅमस, आरके जायसवाल हैं।
सचिव पेयजल उत्तराखण्ड अरविन्द सिंह हृयांकी जिलाधिकारी संविन बंसल, वन संरक्षण तेजस्वनी पाटील व प्रभागीय वनाधिकारी बीजूलाल टीआर द्वारा पेयजल एवं सेनिटेशन टीम को नैनीताल वन प्रभाग द्वारा किलवरी में नैनादेवी बर्ड संरक्षण ऐरिया में किये जा रहे जल संचय, संरक्षण व संवर्द्धन कार्यांे का निरीक्षण कराया। वन प्रभाग द्वारा किलवरी नैनादेवी बर्ड संरक्षण क्षेत्र के किलवरी नाले में जल संचय एवं संरक्षण हेतु बनाये गये जल पोखरों तथा जल संरक्षण हेतु लगाये गये विभिन्न प्रजाति के लगाये गये पौधे के साथ ही रिंगाल व नैपियर घास आदि कार्यों की सराहना करते हुए इन सुन्दर पोखरों को पर्यटन की दृष्टि से प्राकृतिक रूप से सुन्दर बनाने को कहा, उन्होंने कहा कि यहाँ सीमेन्ट के कार्य कतई न किये जाय यहाँ पर लकड़ी, पत्थरों द्वारा सुन्दर बैठने व पत्थरों से मार्ग बनाया जाय ताकि जो पर्यटक किलवरी क्षेत्र भ्रमण पर आये वे इन सुन्दर पोखरों को देखने जरूर आये और प्रकृति का आनन्द लें।
जिलाधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी व उप प्रभागीय वनाधिकारी दिनकर तिवारी ने निरीक्षण टीम को बताया कि इन पोखरों में 45 लाख लीटर जल संचय किया जा रहा है। इनकी क्षमता 60 लाख लीटर तक बढ़ाया जायेगा। उन्होंने बताया ये जल पोखर (तालाब) गर्मीयों में क्षेत्र में पानी की कमी की पूर्ति करेंगें। जानवर वहाँ पानी-पीने आते है गर्मी मंे पानी की कमी के कारण जानवर पानी हेतु नीचे गाॅवो की ओर जाते थे जिससे मानव व जानवरों के बीच संघर्ष होने की सम्भावनाएँ बनी रहती थी। उन्होंने बताया कि इन पोखरों में जल संचय संरक्षण से जानवरों को पानी मिलेगा तथा नीचे की ओर बसें छः गाँवों को भी जलापूर्ति होगी व पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस कैंचमेन्ट क्षेत्र में जल संचय हेतु टैªन्च भी बनाये जायेंगे। सचिव पेयजल श्री हृयांकी ने पोखरों के नीचे की ओर ढाल में कूड़ा  न जाये पानी साफ रहें इसके लिए कच्चे चैम्बर बनाकर जाली लगाने को कहा।
डाॅ एसएस सन्धू ने कहा कि हमारी जनसंख्या बढ़ रही है। धीरे-धीरे पेयजल संकट भी बढ़ रहा है। जल स्त्रोत कम हो रहे हैं। इसलिये भारत सरकार द्वारा जलशक्ति अभियान चलाया जा रहा है।  जिसके अन्तर्गत पराम्परिक स्त्रोतों को पुर्नजीवित करने तथा जल संचय, संवर्द्धन कार्य किये जायेंगे। इसमें  सभी विभागों द्वारा जल संरक्षण, संचय संवर्द्धन कार्य किये जायेगंे अभियान में जनमानस को जानकारी देनी होगी ताकि अधिक से अधिक जनता इस अभियान से जुड़े।
पेयजल सचिव श्री हृयांकी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 2017 से जनशक्ति अभियान के अवयवों पर कार्य प्रारम्भ करना शुरू कर दिया था। जिसमें नदियों को पुर्नजीवन के कार्य किये जा रहे हैं। सभी विभागों को एक साथ लेकर वैज्ञानिक तरीके से जल संरक्षण, संचय, संवर्द्धन कार्य किये जा रहे हैं। तथा राज्य में जलसंरक्षण संवर्द्धन के 19 लाख कार्य किये गये हैं जिसमें ढ़ेड़ सौ करोड़ लाख लीटर जलसंचय क्षमता बढ़ी है। टीम द्वारा नैनादेवी बर्ड क्षेत्र में पौधारोपण भी किया गया।
निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार, उपजिलाधिकारी विनोद कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार, वन क्षेत्राधिकारी, क्षेत्रीय जनता व स्कूली बच्चें मौजूद थे।

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