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कश्मीर में युवाओं को फंसाने के लिये हनी ट्रेप का सहारा ले रहे आतंकी गुट

श्रीनगर। कश्मीरी युवाओं को आतंक की आग में झोंकने के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन अब महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। आतंकी गुटों से जु़ड़ी महिलाओं के जरिए घाटी के युवाओं को ‘हनी ट्रैप’ किया जा रहा है। इन महिलाओं को हथियार एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और घुसपैठियों के गाइड के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है। खुफिया सूचना मिलने के बाद श्रीनगर के बांदीपोरा इलाके से करीब एक हफ्ते पहले 30 साल की सैयद शाजिया को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि फेसबुक व इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइट्स पर उसके कई अकाउंट हैं और कश्मीर के कई युवा उसके फॉलोअर हैं।

‘खेप’ भेजने पर मिलने का वादा  खुफिया विभाग शाजिया द्वारा पिछले कई माह से इस्तेमाल किए जा रहे इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आईपी) पर नजर रखे हुए था। वह अपने फॉलोअर युवाओं से मिलने का वादा तभी करती थी, जब युवा कोई खास ‘खेप’ एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेज दें।

पुलिस के अफसर भी संपर्क में  जांच में पाया गया कि शाजिया के जम्मू-कश्मीर पुलिस के कुछ अफसरों से भी संबंध थे। लेकिन अफसरों ने इसे उसकी सामान्य ‘चाल’ बताया है, क्योंकि वह सिर्फ सेना की आवाजाही की सूचना ही पाक स्थित अपने आकाओं को दे पाती थी। उसे कोई अति गोपनीय सूचनाएं नहीं मिल पाती थीं।

कई महिलाएं हैं शरीक  पूछताछ में शाजिया ने बताया कि आतंकी गुटों से कुछ और महिलाएं जु़ड़ी हुई हैं। उन्हें कश्मीरी युवाओं को लालच देकर आतंकवाद में धकेलने का काम सौंपा गया है। 17 नवंबर को शाजिया की गिरफ्तारी से करीब एक हफ्ते पहले पुलिस ने 28 साल की आयशा जान को 20 ग्रेनेड के साथ श्रीनगर के बाहरी इलाके लावापोरा से पकड़ा था। यह कार्रवाई आतंकियों द्वारा हथियार व गोला-बारूद की तस्करी किए जाने की सूचना मिलने के बाद की गई थी। आयशा के पास अन्य गोला-बारूद भी मिले थे।

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