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जो देश लूट रहे है, गरीबों का पैसा लूट रहे हैं उन्हें डरना ही होगा, कोई नहीं बचेगाः-पी0एम0 मोदी

नई दिल्ली। आगामी चुनाव से पहले लोकसभा के अंदर संभवत: अपने आखिरी भाषण में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा का चुनावी अभियान बहुत हमलावर होने वाला है। विपक्ष के हर आरोप का जमकर जवाब भी दिया जाएगा, विकास के आंकड़ों पर खुद को आगे भी रखा जाएगा और सबसे आगे यह साफ किया जाएगा कि भ्रष्टाचार करने वालों को मोदी से डरना ही होगा। यह बयान खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राबर्ट वाड्रा से इडी की पूछताछ को कांग्रेस राजनीतिक हथकंडा बता रही है तो कुछ ही दिन पहले कोलकाता में ममता बनर्जी ने भी पुलिस आयुक्त के बचाव में बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा किया था। मोदी ने यह साफ कर दिया है कि जांच न सिर्फ चलती रहेगी बल्कि चुनाव में भी भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा रहेगा। अवसर तो था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का, लेकिन लगभग पौने दो घंटे के जवाब में प्रधानमंत्री ने एक तरह से चुनावी शंखनाद ही कर दिया। राफेल से लेकर रोजगार तक, नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक न सिर्फ हर मुद्दे का जवाब दिया बल्कि कांग्रेस के 55 साल बनाम मोदी के 55 महीने का आंकड़ा देते हुए यह भी जताया कि इन वर्षो मे ही देश को सही दिशा भी मिली और गति भी। सीधे तौर पर युवा मतदाताओं से अपील भी की गई कि देश निर्माण में वह बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और देश के गरीबों के साथ खुद को जोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें नहीं पचा पा रही है। ध्यान रहे कि पिछले चुनाव में भी ‘चायवाले’ ने कमाल कर दिया था। उनके भाषण का संदेश साफ साफ था- विपक्ष के आरोपों का आंकड़ों के साथ जवाब दिया जाएगा और भ्रष्टाचार पर हमला तेज रहेगा।  सदन में दिन भर चली चर्चा में खासतौर से कांग्रेस की ओर से बार-बार यह याद दिलाया गया कि सरकार विपक्ष को डरा रही है। जाहिर तौर पर इशारा राबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रही जांच की ओर भी था। ऐसे में प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरूआत भी भ्रष्टाचार से ही और अंत भी। उन्होंने कहा- ‘जो देश लूट रहे है, गरीबों का पैसा लूट रहे हैं उन्हें डरना ही होगा, कोई नहीं बचेगा। हमारी सरकार की पहचान ही है भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पारदर्शिता।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन मे एक भी रक्षा सौदा बिचौलियों के बिना नहीं हुआ। और अब जब राजदार पकड़े जा रहे हैं तो उनके चेहरे मुरझाए हुए हैं क्योंकि पकड़े जाने का डर सता रहा है। और इस बौखलाहट में सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसमें कोई सुस्ती नहीं आएगी।

‘महागठबंधन नहीं महामिलावट’  विपक्ष में सबसे ज्यादा हमलावर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस थी। जवाब देने मोदी खड़े हुए तो उन्होंनें इस कथित महागठबंधन को महामिलावट करार दिया। उन्होंने कहा कि मिलावटी सरकार कभी देश का फायदा नहीं कर पाई, अबकी बार तो महामिलावट की तैयारी है। जिसमें कोई एक दूसरे से आंखे मिलाने को भी तैयार नहीं है। वैसे भी भाजपा मजबूत सरकार बनाम मजबूर सरकार का नारा देती रही है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने किसी दल को आगे नहीं बढ़ने दिया, इतिहास गवाह है। खासतौर से बसपा को आगाह करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि कांग्रेस के साथ जाना आत्महत्या के बराबर है।

‘कांग्रेस नहीं चाहती वायुसेना की मजबूती’  राफेल को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार पर हमलावर हैं। मोदी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि राफेल पर उठाए गए हर सवाल का जवाब दिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। लेकिन कांग्रेस चाहती है कि यह सौदा रद हो जाए। वह नहीं चाहती है कि वायुसेना मजबूत हो वरना उसे समर्थ लड़ाकू विमान देने का फैसला क्यों नहीं किया था। वहीं कांग्रेस के जमाने में सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को भी खोखला बताया। साजो समान के आंकड़े को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त तक सेना की जरूरतों को इतना पूरा ही नहीं किया गया कि सर्जिकल स्ट्राइक की जा सके।

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