सशक्त कथानक की उत्कृष्ट नाट्य प्रस्तुति गोदान
देहरादून। नगर की प्रमुख नाट्य संस्था वातायन ने मुंशी प्रेमचंद की कालजई रचना गोदान का नगर निगम प्रेक्षागृह में 3 व 4 अप्रैल को सफल मंचन किया। गोदान मुंशी प्रेमचंद का विश्व प्रसिद्ध उपन्यास है तथा संसार के 10 श्रेष्ठ उपन्यासों में शामिल है। इसका नाट्य रूपांतरण करना तथा एक नियत समय में बांधकर मंच में प्रस्तुत करना बहुत मुश्किल तथा जोखिम भरा काम है। नाटक का परिवेश पूरी तरह ग्रामीण है तथा कृषक समाज के कठिन जीवन का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करता है।
नाटक का मुख्य पात्र होरी एक कृषक है वह अपनी पत्नी धनिया अपने पुत्र गोबर व पुत्री सोना और रूपा के साथ एक खुशहाल ग्रामीण जीवन जी रहा था। किसी प्रकार वह एक सुंदर गाय खरीद लेता है पर गाय गांव के लोगों की आंखों की किरकिरी बन जाती है। एक दिन उसे पाल पोस कर बड़ा किया हुआ उसका भाई हीरा गाय को जहर दे देता है। यहीं से होरी के परिवार के बुरे दिन प्रारंभ हो जाते हैं। होरी की कथा के साथ-साथ उसके बेटे गोबर और उसकी पत्नी झुनिया की भी एक कहानी है। जमींदार ,पटवारी, सूदखोर ,महाजन ,पुलिस तथा धर्म के ठेकेदार सभी मिलकर होरी तथा उसके परिवार का शोषण करते हैं। अच्छा भला किसान 1 दिन मजदूर बन जाता है ।अपने ही खेतों में मजदूरी करता है। कर्ज के बोझ से दबा मानसिक यंत्रणा से झूलता हुआ होरी एक दिन अपने प्राण त्याग देता है उसकी पत्नी बचे खुचे पैसों को उसके हाथ में रखकर पंडित जी से गोदान करवाती है।
नाटक गोदान के सभी पात्रों ने अपने चरित्र के साथ न्याय किया कई स्थानों में दर्शकों की आंखों में आंसू आ जाते हैं। शोषण की अंतहीन पीड़ाका धीरज सिंह व सोनिया नौटियाल गैरोला ने बहुत सहज व सजीव अभिनय किया। नाटक में प्रदीप घिल्डियाल ,रमेंद्र कोटनाला, नवनीत गैरोला, सोनिया वालिया, हरीश भट्ट ,चेतन प्रकाश ,अमित बहुखुंडी,सिद्धि भंडारी ,अनामिका राज ,पदम सिंह राजपूत ,गिरिजा चैहान ,नवीन मिश्रा ,मयंक नेगी, वीरेंद्र गुप्ता ,ने भी सुंदर और सजीव अभिनय किया। वेशभूषा तथा रूप सज्जा नाटक के अनुरूप थी। निर्देशक ने पूरे गांव को मंच पर सजीव कर दिया था। नाटक में संगीत अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहा। नाटक का प्रथम सफल मंचन ओएनजीसी कम्युनिटी सेंटर में राजभाषा विभाग ओएनजीसी द्वारा किया जा चुका है। दर्शकों ने नाटक की बहुत-बहुत प्रशंसा की वह इस नाटक के अधिक से अधिक प्रसिद्ध प्रदर्शन किए जाने की मांग की। इस अवसर पर वातायन के अध्यक्ष रोशन धस्माना, उपाध्यक्ष उदय शंकर भट्ट, सचिव गजेन्द्र वर्मा,कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला,गढ़वाल सभा के महासचिव गजेंद्र भंडारी आदि उपस्थित थे।