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कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप ने बिहार और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे केसरीनाथ त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने बिहार और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे केसरीनाथ त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि केसरीनाथ त्रिपाठी को चार बार उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष बनने का श्रेय प्राप्त हुआ था और उन्होंने अपनी विद्वता से सदन को चलाने में जो कीर्तिमान स्थापित किए वह आज भी सबके लिए स्मृति का चिन्ह बने हुए हैं।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा केसरीनाथ त्रिपाठी ना केवल संसदीय जीवन की विद्या के माहिर थे अपितु वे ना केवल वे अव्वल दर्जे के विधिवेत्ता थे बल्कि वास्तु कला ,संस्कृति के मामलों में भी उनकी बड़ी पकड़ थी। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश विधानसभा का जो मौजूदा स्वरूप है उसकी वास्तु कला से उन्होंने उत्तराखंड की वास्तुकला को भी जोड़ा था। बताया जब एक बार में पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्य प्रकाश मालवीय के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा गए तो केसरीनाथ त्रिपाठी जी ने स्वयं उन्हें पूरी विधानसभा में घुमाया था और बताया था कि उत्तराखंड के स्त्रियों को बुलाकर उन्होंने उत्तर प्रदेश की विधानसभा में उत्तराखंड की वास्तुकला को जोड़ा था उन्हें उत्तराखंड से बहुत प्यार था और वे चाहते थे इतिहास में यह दर्ज रहे कि उत्तराखंड कभी उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहा है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उन्हें केसरीनाथ त्रिपाठी जी से मिलने का कई बार सौभाग्य प्राप्त हुआ और वह भाजपा में रहते हुए भी सच्चे मायनों में मानवतावादी और समाजवादी थे और गरीब वर्ग की मुखर आवाए थे। उन्होंने कहा उनके निधन से देश ने एक बहुत ही कुशल संसद विज्ञ खो दिया है उनका निधन कल प्रयाग में हुआ था ।वे 88 वर्ष के थे।