Uttarakhand

सीएम ने सचिवालय में सिंचाई एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा की, सी0एम ने अधिकारियों को हर हाल में समय से पूर्व निर्धारित लक्ष्य पूरे करने को कहा

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में सिंचाई एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा की। सीएम डेशबोर्ड पर आधारित की-परर्फोमेंस इंडिकेटर पर आधारित समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न प्रोजक्ट के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, हर हाल में निर्धारित समय से पूर्व पूर्ण कर लिये जाय। अधिकारी प्रत्येक माह कार्य स्थल का भ्रमण कर कार्य की प्रगति देंखे। उन्होंने सचिव स्तर से भी फील्ड में कार्यों का निरीक्षण किया जाए। खराब नलकूपों को तुरंत ठीक करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
       किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी न हो, इसके लिए जरूरत पड़ने पर, अतिरिक्त पम्पों की व्यवस्था भी रखी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौंग व जमरानी बांध बड़े प्रोजक्ट हैं। सौंग बांध का डिजाइन, फॉरेस्ट क्लीयरेंस व इन्वायरमेंटल क्लीयरेंस का कार्य जल्द कर लिया जाय। इसके लिए एक सीनियर अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाय। जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए भी सभी क्लीयरेंस सम्बन्धी कार्य जल्द कर लिए जाएं। जमरानी बांध के लिए शुरूआती चरण में 47 करोड़ रूपये जारी किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा में गगास, पिथौरागढ़ में थरकोट, लोहाघाट के समीप कोलीढ़ेक व पौड़ी में ल्वाली झील के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। बैठक में मुख्यमंत्री ने जनपद हरिद्वार के भौरी में पेयजल के परीक्षण के भी निर्देश दिये हैं, ताकि वहां के निवासियों को हो रही कठिनाई को दूर किया जा सके। वाटर क्वालिटी लेबोरेटरी स्थापित की जाए। मुख्यमंत्री ने त्यूनी-प्लासू हाइड्रो प्रोजेक्ट की भी जानकारी ली। बताया गया कि इस वर्ष सितम्बर तक इस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी स्वीकृतियां प्राप्त कर ली जायेगी।  बैठक में जानकारी दी गई कि केदारपुरी की मंदाकिनी नदी की सुरक्षा का पुनर्निमाण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। हरिद्वार के जगजीतपुर में सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट का कार्य नवम्बर 2019 तथा विकासनगर के पांच गांवों में स्प्रिंकलर आधारित लिफ्ट सिंचाई निर्माण की योजना का कार्य, मार्च 2020 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। राज्य में फ्लोटिंग सोलर पॉवर संयंत्र की स्थापना के लिए एमओयू हो चुका है। इसकी डीपीआर, निविदा एवं निर्माण की कार्यवाही की जा रही है। इससे प्रतिवर्ष 3 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा। पर्यटन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद में जो नये थीमबेस्ड डेस्टिनेशन का विकास किया जाना है, इसके लिये सुनियोजित योजना बनाई जाय। नये डेस्टिनेशन के लिए मास्टर प्लान जल्द बनाये जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि समय पर कार्य धरातल पर दिखे। 13 डिस्ट्रिक 13 डेस्टिनेशन के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 06 तकनीकि परामर्शदाता इम्पैनल किये गये हैं। प्रथम चरण में कार्यों का चिन्हीकरण किया गया है। जिलाधिकारियों को 50-50 लाख रूपये की धनराशि निर्गत की गई है। सुरकण्डा देवी रोपवे के निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। पूर्णागिरी रोपवे का कार्य प्रगति पर है। केदारनाथ रोपवे के लिए विभाग द्वारा आंतरिक व सिस्मिक सर्वे कराया गया है। नैनीताल व यमुनोत्री रोपवे के लिए भी कार्यवाही गतिमान है। इस वर्ष अभी तक 27 लाख 35 हजार श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ चुके हैं। बैठक में सिंचाई व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव डॉ. भूपेन्द्र कौर औलख, दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका,  ईवा आशीष श्रीवास्तव व सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button