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भाजपा का पिछड़ा-दलित प्रेम महज वोट तक सीमित: मनोज यादव*
लखनऊ । 20 जुलाई दिन मंगलवार पूरे उत्तर प्रदेश से पिछड़े और दलित तबके के अभ्यर्थी लखनऊ में लगातार सरकार के खिलाफ धरना दे रहे हैं। विगत दिनों बेसिक शिक्षा मंत्री उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री आवास भाजपा कार्यालय एससीईआरटी ऑफिस पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के इशारों पर वंचित वर्ग के छात्रों पर लाठीचार्ज करके उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है लाठीचार्ज की हम निंदा करते हैं ।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग वंचित वर्ग के हक और इंसाफ के लिए लड़ेगा और इन छात्रों का हर तरह से सहयोग और समर्थन करेगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग और केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग दोनों ने यह माना है कि सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण को विधि संगत नहीं लागू किया गया है जिसके वजह से आरक्षित श्रेणी की सीटों को सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को दे दिया गया है यह सामाजिक न्याय की हत्या है और पिछड़े और दलित तबके के साथ नाइंसाफी है। पिछड़े और दलित वर्ग के अभ्यर्थी विगत दिनों राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जी से मुलाकात किए थे और अपनी समस्याओं को रखा था उन्होंने भी भरोसा दिलाया था कि उनके अधिकार की लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ेगी।
पिछड़ा वर्ग विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चेयरमैन मनोज यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गरीब तबके विशेषकर पिछड़े और दलित वर्ग के अधिकारों से उनको वंचित करना चाहती है और उत्तर प्रदेश सरकार में बैठे लोग दलित और पिछड़ा विरोधी है इसलिए इन वर्ग के छात्रों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया जा रहा है और जेलों में डाला जा रहा है.. पिछड़े और वंचित तबके के लोग अपने हक और अधिकार के लिए सरकार से लड़ेंगे और पिछड़ा वर्ग विभाग इस लड़ाई में इन अभ्यर्थियों के साथ हर तरह का सहयोग करेगा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सामाजिक न्याय की हत्या नहीं होने देगी और किसी भी पीड़ित का अधिकार नहीं छीनने नही दिया जाएगा..
मनोज यादव ने कहा कि देश के स्तर पर जिस प्रकार से पिछड़े वर्ग के लोगों को मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम डेट में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है और लगभग 4 सालों में 40000 सीटों जो पिछड़े वर्ग की थी उन्हें प्रदान नहीं किया गया इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में केंद्र से लेकर राज्य सरकारें पिछड़े दलित और आदिवासी तबकों के हक के साथ खिलवाड़ कर रही है और इन वंचित वर्गों के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक उन्नयन में बाधक बनी है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सिर्फ दिखावा करते हैं कि वह पिछड़े और दलित वर्ग के लिए काम कर रहे हैं जबकि पूरी सरकार पिछड़े और दलित वर्ग के हक पर डाका डालने में लगी हुई है