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’अपने चैकीदार खुद बनें और घर से बाहर न निकलें’: स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस द्वारा यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से इन्टरफेथ वेबिनार अद्भुत कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। आज के वेबिनार में वैश्विक स्तर के धर्मगुरू यथा परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी, आर्चबिशप कैपटाउन थाबो मगोबा, तंजानिया के एंग्लिकन चर्च के आर्चबिशप मैम्बो मांडोलवा, तंजानिया के आर्चबिशप फ्र्रेडरिक शू, महासचिव ईसाई परिषद् तंजानिया, कैनेन मोसेस मतांया, महासचिव तंजानिया धर्माध्यक्ष सम्मेलन, बिशप चाल्र्स कीतिमा, यूनिसेफ चीफ आॅफ कम्युनिकेशन ईस्ट एंउ साउथ अफ्रीका, जेम्स एल्डर ने विश्वव्यापी महामारी कोविड -19 के प्रकोप के समय धैर्य बनाये रखने, सोशल डिसटेेंसिग का पालन करने, स्वच्छता रखते हुये अपनी-अपनी सरकारों को सहयोग करने की अपील की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतवासियों के लिये सही समय पर सही फैसला लिया जिसका परिणाम आज हम सभी देख रहे हंै कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले राष्ट्र में हम कोरोना पर विजय प्राप्त करने में सफल हो रहे हंै। भारत के प्रधानमंत्री जी ने सम्पूर्ण लाॅकडाउन का फैसला लिया और भारत के धर्मगुरूओं ने उनके इस फैसले को अपने अनुयायियों तक तथा भारत की जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
स्वामी जी ने कहा कि भारत का सौभाग्य है कि माननीय नरेन्द्र मोदी जी जैसे दूरगामी फैसले लेने वाले ऊर्जावान प्रधानमंत्री हमारा नेतृत्व कर रहे हंै। इस वैश्विक संकट के समय में अपने देशवासियों का विश्वास बनाये रखना और संयम के साथ कठोर फैसले लेना भारत और भारतवासियों के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है। विश्व के अनेक देश अब इस राह पर चल रहे हंै। स्वामी जी ने कहा कि भारत ने एक बार फिर दिखा दिया कि विपदा चाहे कितनी भी बड़ी हो उसका सामना हम सब मिलकर कर सकते हैं। अब इस समय थोड़े से धैर्य, संयम, समझदारी, और सहयोग की जरूरत है। स्वामी जी ने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर भारत की पकड़ मजबूत थी परन्तु एक धार्मिक आयोजन के कारण अब देश के हालात कुछ अलग हैं। उन्होने अपील की कि हम सभी सरकार के नीति निर्देशों का पालन करें और सोशल डिसंटेंसिग को बनाये रखंे। इस संकट के समय में एक ही मूल मंत्र है ’’घर में रहंे और सुरक्षित रहंे’’। कोरोना वायरस किसी धर्म और सम्प्रदाय को देखकर नहीं आता बल्कि सोशल डिसटेंसिग का पालन न करने के कारण फैल रहा है अतः इसमें सभी अपना सहयोग प्रदान करें और अपने चैकीदार खुद बनें। स्वामी जी ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से औरों को भी सोशल डिसंटेंसिग बनाये रखने की अपील करंे इसी तरह ’ह्मूमन, कल्चर, नेचर और फ्यूचर’ को सुरक्षित रखा जा सकता है। आईये सभी भारतवासी संकल्प करें कि ’’अपने चैकीदार खुद बनें और घर से बाहर न निकलें।’’
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि समस्या कितनी भी बड़ी हो परन्तु संयम, धैर्य और मिलकर समाधान करने से सब समस्याओं का हल निकल आता है। इस समय धैर्य और संयम का परिचय दें और यह विश्वास रखें कि हम सभी का अच्छा समय फिर से वापस आयेगा। उन्होेने कहा कि दुनिया के लोगों ने इसके पहले भी अनेक समस्याओं का सामना किया है प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध जैसे भयावह संकटों से उबर कर दुनिया के लोग आगे बढ़े, विकास किया और खुशी के साथ रहे। यह समय भी निकल जायेगा बस थोड़ा धैर्य बनाकर रखें और सहयोग प्रदान करंे। तंजानिया और दक्षिण अफ्रीका के आर्चबिशप एवं अन्य धर्मगुरूओं ने अनेकों महत्वपूर्ण विचार रखे और अपने देश की स्थितियों के बारे में बताया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी एवं अन्य सभी धर्मगुरूओं ने कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में जिन्होंने अपनी जान गवांयी है उन सभी के लिये दो मिनट का मौन रखा। सभी धर्मगुरूओं ने कोरोना वायरस, कोविड-19 जैसी महामारी से मिलकर लड़ने का तथा अपने -अपने देशों की सरकारों को सहयोग प्रदान करने का संकल्प लिया। यूनिसेफ चीफ आॅफ कम्युनिकेशन ईस्ट एंउ साउथ अफ्रीका, जेम्स एल्डर ने इस वेबिनार में माध्यम से महत्वपूर्ण संदेश देने हेतु सभी धर्मगुरूओं का धन्यवाद किया। स्वामी जी इस अद्भुत कान्फ्रेंस के आयोजन के लिये यूनिसेफ को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।