Uttarakhand
बढ़ती आबादी के दवाब को कम करने के लिये नये देहरादून की परिकल्पना को साकार किया जायेगा
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार सांय राजपुर रोड स्थित होटल में स्मार्ट सिटी मिशन स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न फर्मों को विभिन्न कार्यों के कार्यादेश एवं स्मार्ट कार्ड भी वितरित किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देहरादून शहर की बढ़ती आबादी के दवाब को कम करने के लिये नये देहरादून की परिकल्पना को साकार किया जायेगा। इसके लिये लगभग 4 हजार हेक्टियर क्षेत्र का लैण्ड बैंक बनाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट नागरिकों के बिना स्मार्ट शहर की कल्पना नही की जा सकती है। देहरादून को स्मार्ट शहर बनाने के लिये प्रबुद्धजनो व नागरिको को भी सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि देहरादून स्मार्ट शहर के रूप में शीघ्र ही नये क्लेवर में दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून का नया स्वरूप प्रदान करने के साथ ही यहां के नागरिकों को सभी आवश्यक सुविधाये उपलब्ध कराने का हमारा प्रयास है। 2020 के अन्त तक देहरादून को सीएनजी उपलब्ध हो जायेगा। बरसात के बाद सौंग बांध का कार्य आरम्भ हो जायेगा इससे देहरादून को ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध होगा तथा इससे लगभग 92 करोड़ की बिजली की बजत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना को ऋषिपर्णा के स्वरूप में लाने के भी प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अन्दर स्थापित होने वाले स्मार्ट डाटा सेन्टर तथा स्मार्ट कमाण्ड कन्ट्रोल सेन्टर से देहरादून के साथ ही हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के आयोजन में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के अन्य प्रमुख नगरों को भी स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत सम्मिलित किया जाना आवश्यक है, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की स्मार्ट सिटी परियोजना को मूर्त रूप देने में राज्य सरकार तथा देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा सभी सम्भव प्रयास किये जायेंगे। देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा अपने 87 प्रतिशत कार्यों को मूर्त रूप देने कि तैयारी शुरू कर दी गई है। देहरादून में स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत होने वाले समस्त कार्यों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जायेगा, जिससे देहरादून की जनता को शीघ्र इसका लाभ मिल सके। नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हमारे प्रयास धरातल पर शीघ्र दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि शहर के ड्रेनेज व सीवर सिस्टम को ठीक करने के साथ ही अतिक्रमण हटाना भी एक चुनौती रही है। स्मार्ट सिटी की दिशा में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा रहा है। देश व दुनिया के लोग देहरादून को नये शहर के रूप में देखे इसके लिये हमारे प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि स्मार्ट सिटी देहरादून अन्य शहरों के लिये भी प्रेरणा का कार्य करे।
स्मार्ट सिटी प्लान के तहत कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट रोड परियोजना के क्रियान्वयन के लिए इस कार्य में दक्ष भारत सरकार की कार्यदायी संस्था ब्रिज एण्ड रूफ लिमिटेड को कार्य आवंटित कर दिया गया है। एकीकृत कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेन्टर के क्रियान्वयन के लिए मै0 एच0पी0 लिमिटेड का चयन कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत कुल 484.76 करोड़ रूपए लागत की परियोजनाओं के कार्यादेश जारी किये जा चुकें हैं। इनमें स्मार्ट रोड लागत 57.49 करोड रूपए, ड्रेनेज लागत 37.99 करोड़ रूपए, मल्टीयूटीलिटी डक्ट लागत 64.33 करोड रूपए, स्मार्ट रोड़ के किनारे पेयजल पाइप लाईन लागत 9.96 करोड रूपए, स्मार्ट रोड़ के किनारे सीवर लाईन लागत 20.77 करोड रूपए, एकीकृत कमाण्ड एंड कण्ट्रोल सेन्टर लागत 199.78 करोड रूपए, आई०टी०एम०एस लागत 50 करोड रूपए, सिटी साइनेज लागत 18 करोड रूपए, स्मार्ट बिन्स तथा स्मार्ट वैस्ट गाड़ियां लागत 9.34 करोड रूपए, पापीपी मोड पर वाटर एटीएम लागत 1.98 करोड़ रूपए, स्मार्ट टॉयलेट लागत 2.07 करोड रूपए, स्मार्ट स्कूल्स लागत 6.05 करोड़ रूपए, एमडीडीए पार्क का सौन्दर्यकरण लागत 7 करोड रूपए शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 331.20 करोड़ रूपए की विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं की डीपीआर की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें इलेक्ट्रिक बस लागत 41.56 करोड रूपए, इण्टरैक्टिव बस स्टॉप्स लागत 15.72 करोड़ रूपए, परेड ग्राउंड विकास योजना लागत 23.63 करोड़ रूपए,. पल्टन बाजार पैदल मार्ग का विकास लागत 13.82 करोड़ रूपए, एकीकृत ऑफिस ग्रीन बिल्डिंग लागत 204.46 करोड रूपए, सचिवालय में शिशु पालन केंद्र लागत 0.90 करोड रूपए, एबीडी क्षेत्र में पेयजल संवर्धन योजना लागत 24.11 करोड़ रूपए व राजपुर रोड का सौन्दर्यीकरण लागत 7 करोड़ रूपए शामिल हैं। इस प्रकार कुल लागत रू0 484.76 करोड के कार्यादेश दिये जा चुके हैं। जबकि कुल 331.2 करोड की डीपीआर को स्वीकृत किया जा चुका है। इस प्रकार देहरादून स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 800 करोड़ से अधिक के कार्य जल्द ही प्रारम्भ कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर विधायक हरवंश कपूर, श्री गणेश जोशी, श्री विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, मेयर सुनिल उनियाल गामा, चार धाम विकास परिषद् के उपाध्यक्ष पं. शिवप्रसाद ममगाई, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर के साथ ही अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति व अधिकारीगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून का नया स्वरूप प्रदान करने के साथ ही यहां के नागरिकों को सभी आवश्यक सुविधाये उपलब्ध कराने का हमारा प्रयास है। 2020 के अन्त तक देहरादून को सीएनजी उपलब्ध हो जायेगा। बरसात के बाद सौंग बांध का कार्य आरम्भ हो जायेगा इससे देहरादून को ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध होगा तथा इससे लगभग 92 करोड़ की बिजली की बजत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना को ऋषिपर्णा के स्वरूप में लाने के भी प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अन्दर स्थापित होने वाले स्मार्ट डाटा सेन्टर तथा स्मार्ट कमाण्ड कन्ट्रोल सेन्टर से देहरादून के साथ ही हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के आयोजन में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के अन्य प्रमुख नगरों को भी स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत सम्मिलित किया जाना आवश्यक है, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की स्मार्ट सिटी परियोजना को मूर्त रूप देने में राज्य सरकार तथा देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा सभी सम्भव प्रयास किये जायेंगे। देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा अपने 87 प्रतिशत कार्यों को मूर्त रूप देने कि तैयारी शुरू कर दी गई है। देहरादून में स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत होने वाले समस्त कार्यों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जायेगा, जिससे देहरादून की जनता को शीघ्र इसका लाभ मिल सके। नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हमारे प्रयास धरातल पर शीघ्र दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि शहर के ड्रेनेज व सीवर सिस्टम को ठीक करने के साथ ही अतिक्रमण हटाना भी एक चुनौती रही है। स्मार्ट सिटी की दिशा में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा रहा है। देश व दुनिया के लोग देहरादून को नये शहर के रूप में देखे इसके लिये हमारे प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि स्मार्ट सिटी देहरादून अन्य शहरों के लिये भी प्रेरणा का कार्य करे।
स्मार्ट सिटी प्लान के तहत कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट रोड परियोजना के क्रियान्वयन के लिए इस कार्य में दक्ष भारत सरकार की कार्यदायी संस्था ब्रिज एण्ड रूफ लिमिटेड को कार्य आवंटित कर दिया गया है। एकीकृत कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेन्टर के क्रियान्वयन के लिए मै0 एच0पी0 लिमिटेड का चयन कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत कुल 484.76 करोड़ रूपए लागत की परियोजनाओं के कार्यादेश जारी किये जा चुकें हैं। इनमें स्मार्ट रोड लागत 57.49 करोड रूपए, ड्रेनेज लागत 37.99 करोड़ रूपए, मल्टीयूटीलिटी डक्ट लागत 64.33 करोड रूपए, स्मार्ट रोड़ के किनारे पेयजल पाइप लाईन लागत 9.96 करोड रूपए, स्मार्ट रोड़ के किनारे सीवर लाईन लागत 20.77 करोड रूपए, एकीकृत कमाण्ड एंड कण्ट्रोल सेन्टर लागत 199.78 करोड रूपए, आई०टी०एम०एस लागत 50 करोड रूपए, सिटी साइनेज लागत 18 करोड रूपए, स्मार्ट बिन्स तथा स्मार्ट वैस्ट गाड़ियां लागत 9.34 करोड रूपए, पापीपी मोड पर वाटर एटीएम लागत 1.98 करोड़ रूपए, स्मार्ट टॉयलेट लागत 2.07 करोड रूपए, स्मार्ट स्कूल्स लागत 6.05 करोड़ रूपए, एमडीडीए पार्क का सौन्दर्यकरण लागत 7 करोड रूपए शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 331.20 करोड़ रूपए की विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं की डीपीआर की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें इलेक्ट्रिक बस लागत 41.56 करोड रूपए, इण्टरैक्टिव बस स्टॉप्स लागत 15.72 करोड़ रूपए, परेड ग्राउंड विकास योजना लागत 23.63 करोड़ रूपए,. पल्टन बाजार पैदल मार्ग का विकास लागत 13.82 करोड़ रूपए, एकीकृत ऑफिस ग्रीन बिल्डिंग लागत 204.46 करोड रूपए, सचिवालय में शिशु पालन केंद्र लागत 0.90 करोड रूपए, एबीडी क्षेत्र में पेयजल संवर्धन योजना लागत 24.11 करोड़ रूपए व राजपुर रोड का सौन्दर्यीकरण लागत 7 करोड़ रूपए शामिल हैं। इस प्रकार कुल लागत रू0 484.76 करोड के कार्यादेश दिये जा चुके हैं। जबकि कुल 331.2 करोड की डीपीआर को स्वीकृत किया जा चुका है। इस प्रकार देहरादून स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 800 करोड़ से अधिक के कार्य जल्द ही प्रारम्भ कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर विधायक हरवंश कपूर, श्री गणेश जोशी, श्री विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, मेयर सुनिल उनियाल गामा, चार धाम विकास परिषद् के उपाध्यक्ष पं. शिवप्रसाद ममगाई, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर के साथ ही अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति व अधिकारीगण उपस्थित थे।