Motor Vehicle Act 2019: दिल्ली पुलिस ने एक ट्रक का दो लाख 500 रुपये का चालान काटा,यह चालान दिल्ली में चर्चा का विषय बना
नई दिल्ली। Motor Vehicle Act 2019: नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद एक के बाद एक चालान के सारे रिकॉर्ड टूटते जा रहे हैं। ताजा मामला दिल्ली के मुबारका चौक (Mukarba Chowk) के पास का है। यहां पर एक ट्रक का दो लाख 500 रुपये का चालान कटा है। जानकारी के अनुसार, रोहिणी कोर्ट में पूजा अग्रवाल की कोर्ट में ये चालान हुआ है। ट्रक ड्राइवर का नाम राम किशन है। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, ट्रक ड्राइवर ने यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए ओवरलोडिंग की। ट्रक ड्राइवर बगैर लाइसेंस के गाड़ी चला रहा था। इसके अलावा उसके पास ट्रक की आरसी (registration certificate) भी नहीं थी। ट्रक ड्राइवर के पास फिटनेस भी नहीं था। इसके साथ ही उसके पास इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी नहीं थे। वह सील बेल्ट भी नहीं लगा रखा था।
किसका कितना कटा चालान
ड्राइविंग लाइसेंस- 5000
ट्रक की आरसी- 10000
फिटनेस- 10000
इंश्योरेंस- 4000
परमिट – 10000
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट – 10000
ओवरलोडिंग – 20000
सीट बेल्ट- 1000
इससे पहले कटा था 1.40 लाख का चालान इससे पहले दिल्ली में राजस्थान के एक ट्रक मालिक को 1.40 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ा था। दरअसल, 5 सितंबर को उनके ट्रक को ओवरलोडिंग हालात में पाया गया, जिसके बाद 9 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में उन्होंने 1,41,700 रुपये बतौर जुर्माना भरा। जानकारी के अनुसार जुर्माना भरने वाले का नाम भगवान राम था।
देश में भारी भरकम चालान के कई मामले सामने आए बता दें कि नया मोटर अधिनियम लागू होने के बाद भारी भरकम चालान काफी चर्चाओं में है। सख्त कानून के कारण लोगों को ट्रैफिक उल्लंघन पर भारी जुर्माना भरना पड़ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में किसी का 10 हजार रुपये तो किसी का 25 हजार रुपये तो किसी का लाख रुपये से अधिक का चालान कटा है। लोगों के बीच इसे लेकर काफी चर्चाएं हैं। अभी हाल में ही हरियाणा के रेवाड़ी में एक ट्रक मालिक का 1.16 लाख का चालान कटा था। उसने जोड़-जोड़ कर किसी तरह से ड्राइवर को चालान भरने के पैसे दिए तो वह पैसे लेकर फरार हो गया। हालांकि, उसे पुलिस ने यूपी के फिरोजपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। भारी भरकम चालान से लोगों के बीच डर का माहौल है। लोग घर से निकलने से पहले अपने कागजाज और तमाम नियमों के बारे में सोचने को विवश हो गए हैं।