दिल्ली

विजयादशमी के इस संयोग का उपयोग हम अपने भीतर की कमियों, आसुरी शक्तियों को नष्ट करने में करेंः-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्‍ली। द्वारका में विजयादशमी पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार की विजयादशमी में अदभुत संयोग है। इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। गुरु नानकदेव का 550वां प्रकाश उत्सव मनाया जा रहा है। वायु सेना का जन्मदिन आज ही है। इस संयोग, इस पवित्र संयोग पर हमसभी को देश की भलाई के लिए कम से कम एक ऐसा संकल्प लेना चाहिए जिससे देश में किसी न किसी के भलाई का कार्य हो।

अपने भीतर की आसुरी शक्तियों को करें नष्ट   इस संयोग का उपयोग हम अपने भीतर की कमियों, आसुरी शक्तियों को नष्ट करने में करें। यह संकल्प किसी भी रूप में हो सकता है। यदि मैं पानी बचाता हूं तो यह भी संकल्प हो सकता है। मैं खाना खाता हूं और जूठा नहीं छोड़ूंगा, यह भी संकल्प हो सकता है। मैं बिजली बचाऊं यह भी संकल्प हो सकता है। कभी भी देश की संपत्ति का नुकसान नहीं करूंगा, यह भी संकल्प हो सकता है। द्वारका श्रीरामलीला सोसाइटी के तत्वावधान में सेक्टर दस में आयोजित रामलीला स्थल पर प्रधानमंत्री करीब 50 मिनट रहे।

लगे जय श्री राम के नारे  प्रधानमंत्री ने मंच पर प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण व हनुमान का तिलक किया और करीब 15 मिनट तक लीला मंचन देखा। संबोधन के उपरांत राम रावण युद्ध प्रसंग के मंचन के बाद प्रधानमंत्री ने रावण पर तीर चलाई जिसके साथ ही अन्याय के प्रतीक रावण का पुतला धू- धूकर जल गया। इस दौरान लीला स्थल पर जय श्रीराम का उदघोष होता रहा।

हजारों साल पुरानी परंपरा को क्‍लब कल्‍चर में नहीं जाना पड़ा  अपने संबोधन में देशवासियों को विजयादशमी की अनेक – अनेक शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामाजिक जीवन का प्राणतत्व उत्सव है। प्राणतत्व होने के कारण ही हजारों साल पुरानी महान परंपरा को कभी क्लब कल्चर में जाना नहीं पड़ा। उत्सव के साथ एक प्रतिभा को निखारने का, प्रतिभा को एक सामाजिक गरिमा देने का, उसे पुरस्कृत करने का हमारे यहां निरंतर प्रयास रहा है। गान हो, नृत्य हो, वाद्य हो, हर प्रकार की कला हमारे उत्सव से अभिन्न रूप से जुड़े हैं।

भारतीय परंपरा में रोबोट नहीं होते  हमारे हजारों साल की सांस्कृतिक विरासत में इस कला साधना व उत्सवों के कारण भारतीय परंपरा में रोबोट नहीं, जीते जाते जागते इंसान पैदा होते हैं। इसके भीतर करुणा, दया, संवेदना, इसे लगातार उर्जा देते रहने कार्य उत्सव से होता रहता है।

स्‍त्रियों का करें सम्‍मान  प्रधानमंत्री ने कहा कि नवरात्र के नौ दिनों में देश का कोई ऐसा कोना नहीं है जहां शक्ति साधना, उपासना न हुई हो। यह उपासना हमारे भीतर एक नई शक्ति का संचार करता है। मां की उपासना करने वाले हमारे देश में हम सभी की यह जिम्मेदारी बनती है कि यहां हर मां- बेटी का सम्मान, गौरव, गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लें। इस दिवाली पर हमें अपनी उन बेटियों के सम्मान का संकल्प लेना चाहिए जो अपने कार्यों से दूसरों के लिए प्रेरणा बनी हों। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां उत्सव युग काल के अनुसार परिवर्तित होते रहते हैं। हम ऐसे समाज के हैं जो गर्व के साथ बदलाव को स्वीकार करते हैं।

सामूहिकता में होती है शक्‍ति  आज विजयादशमी आसुरी शक्ति पर दैवी शक्ति की विजय का पर्व है। समय रहते हमारे भीतर की आसुरी शक्ति को परास्त करना भी उतना ही जरूरी है। तभी जाकर हम राम की अनुभूति कर सकते हैं। प्रभु श्री राम की अनुभूति करने के लिए हमारे भीतर की आसुरी शक्ति को नष्ट करना हमारा सबसे पहला दायित्व बनता है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सामूहिकता की शक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभु श्री राम ने अपने साथियों के बल पर समुद्र पर पुल बना दिया, लंका तक पहुंच गए। इस सामूहिक शक्ति का हमें भी सामाजिक कार्यों में उपयोग करना चाहिए।

सिंगल यूज प्‍लास्‍टिक से मिले मुक्‍ति  हमें सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति पाने के लिए सभी को साथ लेते हुए एक आंदोलन चलाना चाहिए। इससे पूरे क्षेत्र को जोड़ना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनौतियों से कभी घबराना नहीं चाहिए। हम चुनौतियां देने वाले भी हैं और आवश्यकता के अनुसार बदलने वाले भी। समय रहते परिवर्तन लाने के कारण ही तो कहा जाता है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। जब हमारे समाज में बुराई आती है तो हमारे समाज के भीतर से ही महापुरुष निकलते हैं जो समाज में व्याप्त बुराईयों से संघर्ष करते हैं और प्रेरणा पुरुष बनते हैं।

वायु सेना को याद करते ही याद आते हैं हनुमान  इसलिए हम बदलाव को निरंतर स्वीकार करने वाले लोग हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विजयादशमी का पर्व है और वायु सेना का जन्मदिन भी है। हम जब भगवान हनुमान को याद करते हैं तब वायु सेना को भी याद करें, उनके अदम्य साहस को भी याद करें। सभी वायु सैनिकों के उज्जवल भविष्य की शुभकामना भी व्यक्त करें।

एसपीजी ने इलाके को किया कवर  पीएम के यहां आने को लेकर एसपीजी की टीम ने पहले ही पूरे इलाके को कवर कर लिया है। दिल्‍ली पुलिस के अलावा ट्रैफिक पुलिस के भी जवान भारी संख्‍या में रामलीला मैदान के आसपास तैनात किए गए हैं जिससे ट्रैफिक पर किसी तरह का असर ना पड़ पाए। चूकि आज सार्वजनिक अवकाश का दिन है इस वजह से काफी संख्‍या में लोग रामलीला मैदान में पहुंचे।

तीन हजार लोगों के बैठने की है व्‍यवस्‍था  मैदान में काफी संख्‍या में लोगों की भीड़ जुटी है। समिति ने बताया कि यहां ढाई से तीन हजार लोगों के बैठने का प्रबंध है। आयोजक इस बार यहां एक लाख लोगों के जुटने की उम्‍मीद जता रहे हैं।

बड़ी स्क्रीन पर है देखने की सुविधा  भीड़ को देखते हुए आयोजन स्थल के आसपास बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी है जिस पर लोग लीला का मंचन व पुतला दहन आराम से देख सकेंगे। पीएम के रास्‍ते में हाउडी मोदी कार्यक्रम की तस्‍वीरें भी हैं। इसमें प्रधानमंत्री मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक साथ दिख रहे हैं। आयोजन स्थल पर जगह-जगह मोदी के कटआउट भी लगाए गए हैं।

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