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चीफ जस्टिस कामकाज से खुद को अलग करें : कांग्रेस

नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के नोटिस के बाद कांग्रेस ने अब उन्हें फैसला आने तक काम-काज से खुद ही हटने की सलाह दी है। कांग्रेस ने कहा कि न्यायपालिका पर लोगों के भरोसे को कायम रखने के लिए उन्हें ऐसा करना चाहिए। कांग्रेस ने इस मुद्दे को उस समय उछाला है, जब उनके खिलाफ महाभियोग नोटिस के नियमों के उल्लंघन का सवाल उठा है। बताते हैं कि खुद उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इसे मीडिया में उछाले जाने पर नाराजगी जताई है।

कांग्रेस की सफाई, कोई उल्लंघन नहीं
हालांकि कांग्रेस ने नियमों के उल्लघंन के आरोपों पर भी सफाई दी है। उसने कहा कि महाभियोग के नोटिस में नियमों का कोई भी उल्लंघन नहीं हुआ है। रविवार को मीडिया के सामने आए राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी और विवेक तन्खा ने कहा कि फिलहाल इसे लेकर कोई नियम नहीं है। साथ ही कहा कि इसे खारिज करने का भी आधार नहीं है, क्योंकि दिशा-निर्देश के तहत ऐसे प्रस्ताव में जो मुख्य बिन्दु देखे जाते है, उनमें पहला सदस्यों की संख्या है, दूसरा सदस्यों के हस्ताक्षर सही है या नहीं। तीसरा बिन्दु यह होता है कि जो आरोप लगाए गए है, वह प्रमाणित हैं या नहीं। इनमें से किसी भी बिन्दु को लेकर कोई संदेह नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा पर सवाल उठाए
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जब से महाभियोग नोटिस दिया गया है, तब से भाजपा के नेता काफी सक्रिय हैं। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि जो लोग नोटिस को सार्वजनिक करने का आरोप लगा रहे है, उन्होंने 15 दिसंबर 2009 को क्या किया था? जब एक जस्टिस के खिलाफ लाए गए एक ऐसे ही प्रस्ताव में भाजपा नेता ने लोगों से खुलकर बात की थी। कांग्रेस ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश को खुद ही इस मामले में आगे बढ़कर पहल करनी चाहिए और भाजपा को उनके समर्थन में बोलने से मना करना चाहिए। साथ ही तब तक कामकाज से खुद को अलग कर लेना चाहिए जब तक महाभियोग पर फैसला नहीं हो जाता है।

 

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