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आम्रपाली ग्रुप को बड़ा झटका,उसकी सभी 40 कंपनियों के बैंक खातों और चल संपत्ति को अटैच करने का आदेश किया जारी

नई दिल्ली । आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए उसकी सभी 40 कंपनियों के बैंक खातों और चल संपत्ति को अटैच करने का आदेश जारी किया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख अंदाज में कहा कि आम्रपाली हमारे धैर्य की परीक्षा न ले। सुप्रीम कोर्ट ने शहरी विकास मंत्रालय के सचिव को भी समन जारी किया है और एनबीसीसी के अध्यक्ष को भी गुरुवार को पेश होने का आदेश दिया है।

गुरुवार को फिर होगी सुनवाई  आदेश को अमल में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के चैयरमैन अनिल शर्मा को आदेश दिया कि वो ग्रुप के सभी डायरेक्टर्स के पैन कार्ड और बैंक डिटेल गुरुवार तक उपलब्ध कराएं। इस मामले की गुरुवार को फिर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप ने गुमराह किया है और आदेशों का पालन नहीं किया। कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सभी 40 कंपनियों के खातों को देखने वाले चार्टेड एकाउंटेंट की लिस्ट भी मांगी है

देश छोड़कर न जाएं सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आम्रपाली के प्रमोटरों को निर्देश दिया था कि वे देश छोड़कर कहीं न जाएं। साथ ही रियल एस्टेट कंपनी को 2008 से लेकर अब तक के अपने प्रोजेक्ट्स की विस्तृत वित्तीय जानकारी देने को भी कहा था। वहीं कंपनी ने कोर्ट को बताया कि उसने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव दिया है उसके अधूरे और भावी प्रोजेक्ट्स को नेशनल भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) द्वारा पूरा करवाया जाए।

शहरी विकास मंत्रालय के साथ बैठक जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ के समक्ष आम्रपाली ग्रुप के वकील ने बताया था कि हमने शहरी विकास मंत्रालय के साथ बैठक की है। इसमें एनबीसीसी, नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी भी थे।

दूसरे कामों में लगाए गए पैसे  बता दें कि इसी साल 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली ग्रुप ने 2765 करोड़ रुपये दूसरे कामों में ट्रांसफर कर दिए हैं। कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को आदेश दिया कि वो 250 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करे। ऐसा नहीं करने पर कोर्ट ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में लोग रह रहे हैं, वहां बेसिक सुविधाएं पूरी करें। आम्रपाली ने ऐसा कुछ नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की 16 परियोजनाओं को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया था।

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