वोट नहीं देने और बूथ लूट का विरोध करने पर महिला के साथ की गयी शर्मनाक घटना
कोलकाता । सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस को पंचायत चुनाव में वोट नहीं देने और बूथ लूट का विरोध करने पर सार्वजनिक रूप से एक महिला को 300 बार कान पकड़कर उठक-बैठक कराई गई। आरोप तृणमूल कार्यकर्ताओं पर लगा है। यही नहीं उक्त महिला को गले में जूते-चप्पल की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया। यह निंदनीय घटना जंगलमहल के मेदिनीपुर सदर ब्लॉक संख्या चार के कंकावती क्षेत्र के बागदुबी गांव में हुई। प्रताड़ित गृहवधू का नाम कविता दास है। इस घटना की चौतरफा निंदा हो रही है। स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने चुप्पी साध रखी है। उक्त महिला का सिर्फ इतना दोष था कि उसने पंचायत चुनाव में तृणमूल को वोट नहीं दिया। साथ ही बूथ कैप्चरिंग रोकने के लिए चट्टान की तरह खड़ी हो गई थी। शुक्रवार को उसे जूते-चप्पल की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया। इसके बाद तृणमूल कार्यालय में भीड़ के बीच उसे गिनती कर 300 बार उठक-बैठक कराई गई। इस घटना पर तृणमूल के स्थानीय नेताओं के डर से कविता दास के समर्थन में कोई कुछ नहीं बोल रहा।
दूसरी तरफ हुगली जिले के कुंतीघाट के गोपालपुर इलाके में एक निर्दलीय प्रत्याशी के घर में तोड़फोड़ की गई। इस मामले में बालागढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। गणेश विश्र्वास डुमुरदा नित्यानंदपुर एक नंबर ग्राम पंचायत के पिछले बार के उपप्रधान थे। इस बार तृणमूल ने जब उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय खड़े हुए लेकिन हार गए। चुनाव से पहले गणेश के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर इलाके में पर्चे बांटे गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार पर कुछ भी सफाई नहीं दी।शुक्रवार को चुनाव के नतीजे आने पर वे हार गए तो उन्होंने अपनी पार्टी दफ्तर से दो लोगों को बुलाकर पर्चे को लेकर सवाल पूछे थे। इसके बाद शुक्रवार रात को उनके घर पर हमला किया गया और घर व गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। पंचायत चुनाव के परिणाम घोषिषत होने के बाद कई जिलों से छिटपुट हिसा की खबरें आ रही हैं। कहीं विरोधी दलों के विजयी प्रत्याशियों को धमकाया जा रहा है तो कहीं उनके घरों पर हमला किया जा रहा है। शुक्रवार रात से शनिवार शाम तक मालदा, पूर्व मेदिनीपुर व वीरभूमि जिलों में संघषर्ष की घटनाएं घटी हैं। अधिकांश घटनाओं में विरोधी दलों के समर्थकों की पिटाई हुई है। हमले का आरोप तृणमूल कार्यकर्ताओं पर लगा है। हालांकि तृणमूल ने सभी घटनाओं से इनकार किया है।