उद्धव की धमकी के बाद महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को अपना दूसरा उम्मीदवार वापस लिया
मुंबई। महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को अपना दूसरा उम्मीदवार वापस ले लिया है। कांग्रेस ने यह कदम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की इस धमकी के बाद उठाया कि यदि महाविकास आघाड़ी के पांच से ज्यादा उम्मीदवार होंगे तो वे स्वयं चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस के एक उम्मीदवार राज किशोर मोदी वापस लेने के बाद अब राज्य की नौ सीटों के लिए चुनाव निर्विरोध होने की संभावना बढ़ गई है। 21 मई को होने जा रहे महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के चुनाव के लिए भाजपा अपने चार उम्मीदवार पहले ही घोषित कर चुकी है। शेष पांच सीटों के लिए महाविकास आघाड़ी के छह उम्मीदवार सामने आ रहे थे। शिवसेना मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य नीलम गोरे तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शशिकांत शिंदे एवं अमोल मिटकरी को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। विधानसभा में सबसे कम सीटें होने के कारण कांग्रेस के हिस्से में एक ही सीट आ रही थी। इसके बावजूद कांग्रेस दो उम्मीदवार उतारने का मन बना चुकी थी। उसकी ओर से राजेश राठौड़ एवं राजकिशोर उर्फ पापा मोदी को उम्मीदवारी देने की बात चल रही थी। कुल दस उम्मीदवार खड़े होने पर किसी एक का हारना निश्चित था। क्योंकि सभी उम्मीदवारों को जीत के लिए कम से कम 29 मतों की आवश्यकता है। इसका नुकसान शिवसेना को भी हो सकता था। टकराव टालने की गरज से शिवसेना अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा कर दी कि यदि चुनाव की नौबत आई तो वह स्वयं अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे।
उद्धव की इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के नेताओं की एक आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात ने अपना एक ही उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की। इसके बाद चुनाव की संभावना खत्म हो गई है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे ने पिछले वर्ष 28 नवंबर को शपथ ली थी। चूंकि वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे, इसलिए 27 नवंबर तक उन्हें विधान मंडल के किसी एक सदन का सदस्य होना अनिवार्य था। राज्य मंत्रिमंडल ने उन्हें राज्यपाल कोटे से नामित करने की सिफारिश राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भेजी थी, लेकिन कोश्यारी ने यह मांग मानने के बजाय चुनाव आयोग से 24 अप्रैल को खाली हुई नौ सीटों के लिए विधान परिषद के चुनाव कराने की मांग की थी। अब कांग्रेस के एक उम्मीदवार वापस लेने के बाद उद्धव ठाकरे सहित नौ उम्मीदवारों के निर्विरोध विधान परिषद में पहुंचने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।