श्री गुरू नानक देव जी के 553वें प्रकाश पर्व के अवसर पर डॉ0 जसविन्दर सिंह गोगी ने देश व राज्यवासियांे को दी बधाई एवं शुभकामनायें
देहरादून। श्री गुरू नानक देव जी के 553वें प्रकाश पर्व पर महानगर कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जसविन्दर सिंह गोगी को गुरूद्वारा सिंह सभा आढ़त बाजार द्वारा सिरोपा व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके उत्कर्ष कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 जसविन्दर सिंह गोगी ने गुरू पर्व के अवसर पर देश व राज्यवासियांे को बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं। श्री गुरू नानक देव जी का स्मरण करते हुए डॉ जसविन्दर सिहं गोगी ने कहा कि श्री गुरूनानक देव जी धार्मिक कट्टरता के वातावरण में उदित श्री गुरू नानक देव जी ने धर्म को उदारता की एक नई परिभाषा दी। उन्होंने कहा श्री गुरूनानक देव जी ने अपने सिद्वान्तों के प्रसार हेतु एक संयासी की तरह घर का त्याग कर दिया और लोगों को सत्य और प्रेम का पाठ पढ़ाना आरम्भ कर दिया। उन्होंने कहा कि गुरू जी ने जगह-जगह घूमकर तत्कालीन अंधविश्वास, पाखण्डों आदि का जमकर विरोध किया।
डॉ0 गोगी ने कहा कि श्री गुरू नानक देव जी हिन्दु मुस्लिम एकता के भारी समर्थक थे। उन्होंने धार्मिक सद्भाव की स्थापना के लिए सभी तीर्थों की यात्रायें की और सभी धर्मांे के लोगों को अपना शिष्य बनाया। उन्होंने कहा कि श्री गुरू नानक देव जी ने हिन्दू धर्म और इस्लाम, दोनों की मूल एवं सर्वोत्तम शिक्षाओें को सम्मिमि़श्रत करके एक नये धर्म की स्थापना की जिसके मिलाधर थे प्रेम और समानता। यही बाद में सिख धर्म कहलाया। डॉ. गोगी ने कहा कि श्री गुरू जी ने भारत में अपने ज्ञान की ज्योति जलाने के बाद उन्होंने मक्का मदीना की भी यात्रा की और वहां के निवासी भी उनसे अत्यन्त प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष के भ्रमण के पश्चात नानक कर्तारपुर में बस गये और वहीं रहकर उपदेश देने लगे। उन्होेंने कहा कि उनकी वाणी आज भी ’’गुरू गं्रथ साहिब’’ में संगृहीत है।
डॉ. गोगी ने राज्य व देश के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आज हम सबको श्री गुरू नानक देव जी के बताये हुए मार्ग में चलने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से गुरूद्वारा सिंह सभा के प्रधान गुरूबक्श सिंह राजन, गुरूद्वारा सिंह सभा के महासचिव गुलजार ंिसह, देवेन्द्र भसीन, सेवा सिंह मठारू, अमनदीप रंधावा, मंजीत सिंह, रंजीत सिंह, अमनदीप ंिसह, राजेन्द्र सिंह राजा आदि उपस्थित थे।