शिलान्यास पट्टिका में अपना नाम अंकित न होने के कारण बीजेपी सांसद व विधायक के बीच जूतमपैजार
संतकबीरनगर। यूपी के संतकबीर जिले के प्रभारी मंत्री और प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल जी की अध्यक्षता में चल रही योजना समिति की बैठक में भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी व भाजपा के ही विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जमकर जूतमपैजार हुई। अधिकारियों ने बीच बचाव कर किसी तरह मामला तो शांत कराया पर विधायक के समर्थकों ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की। इस बीच सांसद करीब तीन घंटे तक कमरे में बैठे रहे। आरोप है कि गुस्साए समर्थकों ने तोड़फोड़ भी की। इसके बाद पुलिस के लाठीचार्ज में विधायक के दर्जनों समर्थक घायल हो गए। सांसद शरद त्रिपाठी ने बैठक के दौरान पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के एक्सईएन एके दूबे से पूछा कि करमैनी-बेलौली बंधे के मरम्मत कार्य का शिलान्यास कल हुआ है। इसमें केवल विधायक का ही नाम क्यों है। क्या सांसद का नाम नहीं रह सकता। यह किस गाइडलाइन में है, मुझे बताएं। इस पर एक्सईएन ने कहाकि गलती हो गई, सुधार कर दिया जाएगा। इसी बीच मेहदावल के विधायक राकेश ङ्क्षसह बघेल ने बोल पड़े और कहाकि जो पूछना है मुझसे पूछे एक्सईएन से नहीं। इस पर सांसद ने कहाकि तुम्हारे जैसे तमाम विधायक मैंने देखे हैं। तुमसे क्या पूछना। इसी पर बात बढ़ती गई और देखते ही देखते कलेक्ट्रेट सभागार जंग का मैदान बन गया। सांसद-विधायक एक-दूसरे को अपशब्द कहने लगे। हंगामा बढऩे लगा, फिर देखते देखते सांसद जूता हाथ में लेकर विधायक राकेश सिंह बघेल को पीटने लगे, विधायक ने भी सांसद पर हाथ चलाए। अधिकारियों ने किसी तरह इन्हें अलग किया। मामला बढ़ता देख मेहदावल विधायक के समर्थक सांसद को मारने के लिए उनकी ओर बढ़े लेकिन एएसपी असित श्रीवास्तव व अन्य पुलिस कर्मियों तथा अधिकारियों ने किसी तरह बीच-बचाव किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट में विधायक समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इसके बाद कलेक्ट्रेट की बिजली गुल हो गई। गुस्साए समर्थकों ने कलेक्ट्रेट में तोड़फोड़ कर दी। इसी दौरान जिलाधिकारी रवीश गुप्त और पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने सांसद को कलेक्ट्रेट परिसर से सुरक्षित बाहर निकलवाया।
भाजपा सांसद ने जताया खेद वहीं घटना के बाद भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी ने कहा कि मुझे इस घटना पर खेद है और इसके आहत हूं। जो कुछ हुआ वह मेरे सामान्य व्यवहार के खिलाफ था। अगर मुझे राज्य प्रमुख द्वारा बुलाया जाता है तो मैं अपनी बात रखूंगा।