राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि यह सत्र कामकाज के लिहाज से रिकॉर्ड स्थापित कर गया,17 साल का रिकार्ड टूटा
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र रिकॉर्ड स्थापित कर गया। एक तरफ जहां लोकसभा में दो दशक का रिकॉर्ड टूटा, वहीं राज्यसभा में कामकाज के लिहाज से 17 साल का रिकॉर्ड टूट गया। इस बार 32 विधेयक पारित हुए हैं। इससे पहले 2002 में 35 विधेयक पारित हुए थे। इसके साथ ही सदन ने पिछले 14 साल में सबसे ज्यादा 35 बैठकों का भी रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले वर्ष 2005 में 38 बैठकें हुई थीं। राज्यसभा को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने से पहले सभापति वेंकैया नायडू ने बताया कि इस बार जो 32 विधेयक पारित हुए हैं उनमें तत्काल तीन तलाक, मोटरयान संशोधन विधेयक, आरटीआइ संशोधन, मेडिकल कमीशन और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक सबसे अहम हैं।
उन्होंने कहा कि यह सत्र कामकाज के लिहाज से 104 फीसद उपयोगी रहा है जो पिछले 17 सत्रों में सबसे अधिक है। इससे पहले वर्ष 2014 के 232वें सत्र में 105 फीसद से ज्यादा कामकाज हुआ था। सदन में करीब 19 घंटे का व्यवधान भी आया, लेकिन सदन ने तय समय से ज्यादा बैठक करके करीब 28 घंटे ज्यादा काम करने का भी रिकॉर्ड बनाया। सभापति ने इस दौरान सदस्यों के व्यवहार को लेकर खुशी भी जताई और कहा इनमें बड़ी संख्या में सदस्यों ने अपनी मातृभाषा में भी सवाल पूछे जो सबसे बड़ी खुशी की बात है। मालूम हो कि लोकसभा में भी इस सत्र में 35 विधेयक पारित हुए हैं।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक सहित पांच सदस्यों के इस्तीफों की रही चर्चा राज्यसभा का बजट सत्र कामकाज के साथ-साथ कई और मामलों में भी उल्लेखनीय रहा। इसमें सबसे ज्यादा रोचक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश होने से ठीक पहले कांग्रेस के मुख्य सचेतक भुनेश्वर कालिता का इस्तीफा था। यह सुनकर कांग्रेसी सदस्य भी भौचक रह गए थे। इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह सहित समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर, संजय सेठ और सुरेंद्र सिंह नागर ने भी इसी सत्र में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दे दिया। जिसे तुरंत स्वीकृत भी कर लिया गया। इनमें से संजय सिंह और नीरज शेखर भाजपा में शामिल हो गए हैं। तेदेपा के भी चार सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था।