अमर्यादित भाषा का विरोध भी कांग्रेस को स्वीकार नहीं, महिला मोर्चा पर टिप्पणी गैर जरूरीः चौहान
देहरादून। भाजपा ने कहा कि पहले गढवाल का अपमान और पूरे राज्य का अपमान कर कांग्रेस माफी मांगने का नाटक कर रही है तो दूसरी और उसके नेता भाजपा महिला मोर्चे के विरोध प्रदर्शन को लेकर उसे कटघरे मे खड़ा करने की कोशिश कर रहे है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सपा नेता के बद्रीनाथ के अस्तित्व को लेकर की गयी टिप्पणी को लेकर भी हरदा सनातन के बजाय राजनैतिक परिभाषा गढ़ रहे है।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने गढ़वाल क्षेत्र के लोगों के लिए जो अपमान जनक शब्द कहे उसे सब जानते है। वहीं सिलसिला नही रुका तो मनीष खंडूरी ने राज्य की जनता को ही अपमानित किया। एक ओर माफी और मौन व्रत की नौटंकी की जा रही है तो दूसरी और अपमान के विरोध पर वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत अपने अध्यक्ष का बचाव करते करते भाजपा महिला मोर्चा पर ही सवाल उठाने लगे है।
चैहान ने कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बद्रीनाथ के अस्तित्व को लेकर की गयी टिप्पणी पर हरदा राजनैतिक चश्मे से देख रहे है। वह दिल खोलकर युगों से बिराजमान भगवान बद्रीनाथ के अस्तित्व पर खुलकर नही बोल पाए। इसे भी एक राजनैतिक एजेंडा बताने की कोशिश कर रहे हैं और कांग्रेस की परंपरा कभी सनातन धर्म या मंदिरों पर उठने वाले सवालों के प्रतीकार की नही रही। ऐसे बोल से किसको कितना सियासी नफा नुकसान होगा वह इस गणित मे जुटे है, लेकिन करोडो श्रद्धालुओ के आस्था के धाम पर उठे सवालों का वह कड़ा प्रतिकार नही कर पाए। क्योंकि सवाल उठाने वाला उनका सहयोगी है।
चैहान ने कहा कि पूर्व सीएम भी उन्ही नेताओं की बात का समर्थन कर रहे हैं जो अपने अनुकूल वातावरण न होने पर या लोगों द्वारा तवज्जो न दिये जाने पर अपमानजनक शब्दों से उत्तर दे। यात्रा मे अपनो व जनता के द्वारा सकारात्मक सहयोग न मिलने पर ही कांग्रेस नेता खीज उतार रहे है। चैहान ने कहा कि महिला कांग्रेस न चुप है और न ही बेबश, बल्कि रचनात्मक और सेवा कार्यों मे लगी हुई है। सब जानते हैं कि कोरोना काल मे महिला मोर्चा ने अस्पतालों के बाहर और आम लोगों के लिए जान की परवाह किये बिना भोजन प्रबंधन से लेकर मास्क और जरूरी कार्यों मे आगे बढ़कर नेतृत्व किया।
उन्होंने कहा कि हरीश रावत भी एक योजना से तहत हर उस व्यक्ति की नब्ज पकड़ने की कोशिश करते रहे हैं जो पार्टी मे उपेक्षा या गुटबाजी से पीड़ित हो। वैसे भी हरदा आजकल खुद को जाँच एजेंसियों से पीड़ित बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरदा राज्य के अपमान से ध्यान हटाकर मुद्दे को महंगाई की ओर मोड रहे हैं और इसी बहाने महिला मोर्चे के विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे है जो कि स्वीकार नही किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के ही प्रदेश महासचिव जिम्मेदारी से इस कृत्य की निंदा कर रहे है, तो यह भी स्पष्ट हो चुका है कि वीडियो उन्होंने ही अपलोड किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को इस मामले मे लीपा पोथी से बचने के बजाय खुले दिल से प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। वहीं अंकिता मामले मे जाँच एजेंसियों ने अपना काम पूरा कर लिया है और अदालत मे मामला चल रहा है। कांग्रेस को जन समर्थन न मिलने पर प्रतिक्रिया मे किसी के अपमान का कोई अधिकार नही है।