News UpdateUttarakhand

ब्रह्मज्ञान ही मानव को मानसिक व्याधियों से बचा सकताः भारती

देहरादून। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गंगेश्वर बजरंगदास चौराहा, सेक्टर-9, अमिताभ पुलिया के पास, गोविंदपुर, महाकुंभ मेला, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में भव्य श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिस के अंर्तगत गुरुदेव आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी वैष्णवी भारती ने माहात्मय के अंर्तगत बताया भगवान श्रीकृष्ण में जिनकी लगन लगी है उन भावुक भक्तों के हृदय में प्रभु के माधुर्य भाव को अभिव्यक्त करने वाला, उनके दिव्य रस का आस्वादन करवाने वाला यह सर्वाेत्त्कृष्ट महापुराण है। जिसमें वर्णित वाक्य ज्ञान, विज्ञान, भक्ति एवं उसके अंगभूत साधन चतुष्टय को प्रकाशित करने वाला है तथा माया का मर्दन करने में समर्थ है। श्रीमद्भागवत भारतीय साहित्य का अपूर्व ग्रंथ है। यह भक्ति रस का ऐसा सागर है जिसमें डूबने वाले को भक्तिरूपी मणि-माणिक्यों की प्राप्ति होती है। भागवत कथा वह परमतत्व है जिसकी विराटता अपरिमित व असीम है। वह परमतत्व इसमें निहित है जिसके आश्रय से ही इस परम पावन भू-धाम का प्रत्येक कण अनुप्राणित और अभिव्यंजित हो रहा है। यह वह अखंड प्रकाश है जो मानव की प्रज्ञा को ज्ञान द्वारा आलोकित कर व्यापक चिंतन के द्वार खोल देता है। यह वह कथा है जो मानव के भीतरी दौर्ब्लयता के रूपान्तरण के लिए अविरल मन्दाकिनी के रूप में युगों युगों से प्रवाहित होती आ रही है।

Related Articles

Back to top button