लोकसभा चुनाव के बाद आज होने वाली पंजाब कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू होंगेआमने सामने
चंडीगढ़। Lok Sabha Election 2019 के दौरान टकराव के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आज आमने सामने होंगे। लोकसभा चुनाव के बाद आज होने वाली पंजाब कैबिनेट की बैठक में दोनों आमने-सामने होंगे। ऐसे में सबकी निगाहें इस बैठक पर लगी हैं। इसको लेकर बहुत उत्सुकता है कि स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू बैठक में हिस्सा लेते हैं या नहीं। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा चुनाव परिणाम की समीक्षा को लेकर बुलाई गई विधायकों व सांसदों की बैठक में सिद्धू नहीं पहुंचे थे।
मंत्रिमंडल की बैठक में स्थानीय निकाय विभाग का कोई एजेंडा नहीं बैठक से पहले इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि सिद्धू बैठक में आते हैं या नहीं। कैबिनेट की बैठक में स्थानीय निकाय विभाग का कोई एजेंडा नहीं होने के कारण भी इस बात को बल मिल रहा है कि शायद सिद्धू बैठक में शामिल नहीं हों। यह विभाग सिद्धू के पास है। पहले भी कुछ मौकों पर सिद्धू कैबिनेट बैठक से दूर रहे थे।
लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कैप्टन व सिद्धू में चल रहा है टकराव सिद्धू अगर बैठक में हिस्सा नहीं लेते हैं तो उनकी परेशानियां और बढ़ सकती हैं। वह पहले भी 30 मई को मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई कांग्रेस विधायकों और सांसदों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा था कि उनको इस बैठक में बुलाया ही नहीं गया था, जिसे मुख्यमंत्री ने बेहद गंभीरता से लिया था। उन्होंने इस बात की पूरी जांच करवाई की सिद्धू को संदेश भेजा गया था या नहीं। सूत्र बताते हैं कि सिद्धू को मीटिंग में शामिल होने के लिए संदेश भेज गया था। वहीं, कैप्टन के करीबी मंत्री भी सिद्धू पर आंखें तरेरे हुए हैं। इसलिए संभावना है कि सिद्धू अगर कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेते हैं, तो वह कई मंत्रियों के निशाने पर होंगे। महत्वपूर्ण यह है कि मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग लेने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि सिद्धू बैठक को लेकर क्या रुख अपनाते हैं।
कैप्टन ने शहरी इलाकों में हार के लिए सिद्धू को ठहराया था जिम्मेदार लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्रों में कांग्र्रेस को हुए नुकसान के लिए मुख्यमंत्री ने सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया था। सिद्धू ने भी मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा था कि जालंधर, अमृतसर, पटियाला लुधियाना जैसे शहरों में कांग्रेस के उम्मीदवारों की जीत हुई है। अन्य मंत्रियों ने भी सिद्धू पर निशाना साधा था। इसके बाद सिद्धू और उनकी पत्नी ने पलटवार किया था।