केंद्रीय मंत्री ने कहा, सदन में चर्चा के दौरान राहुल गांधी कर रहे थे कॉमेडी
नई दिल्ली । लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच क्रिया और प्रतिक्रिया का दौर जारी है। इस क्रम में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्वीट किया है कि सदन में प्रधानमंत्री जी के भाषण में जहां कॉन्फिडेंस, कमिटमेंट एवं करेज से भरपूर था, वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी कन्फ्यूजन, कंट्राडिक्शन एवं कॉमेडी में लिप्त थे। उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि भाजपा के लिए ये वक्त बहुत ही नाजुक हैं। उन्होंने लिखा है कि हम पर हमले दर हमले हो रहे हैं। नकवी ने कहा कि दुश्मन का दर्द यही तो है, हम हर हमले पर संभले हैं। भाजपा नेता राहुल के इस अंदाज की जमकर निंदा कर रहे हैं। यहां तक कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी इस रवैये को
दरअसल, लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए अचानक प्रधानमंत्री के करीब चले गए और बहुत नाटकीय अंदाज मे उन्होंने मोदी से हाथ मिलाया और उनसे गले मिले। सदन और सदन के बाहर दिनभर राहुल गांधी के इस कृत्य की चर्चा होती रही। इसका जवाब प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के उतावलेपन के तौर पर दिया। कल सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब अपना भाषण खत्म किया तब अचानक राहुल प्रधानमंत्री मोदी के निकट पहुंच गए और उन्हें उठने के लिए कहा। राहुल के इस व्यवहार पर मोदी अचरज में पड़ गए। प्रधानमंत्री ने उनकी तरफ हाथ बढाया, लेकिन राहुल हाथ न मिलाने के बजाए मोदी के गले लग गए।
राहुल गांधी के इस व्यवहार का मजाक उड़ाते हुए मोदी ने अपने ही अंदाज में कहा कि ‘वे हैरान हैं कि आज सुबह जब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा प्रारंभ ही हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय या पराजय का फैसला भी नहीं हुआ था, जिन्हे यहां पहुंचने का उत्साह है कि उठो उठो उठो….न यहां कोई उठा सकता है न बिठा सकता है, सिर्फ सवा सौ करोड़ देशवासी ही ऐसा कर सकते हैं।’ मोदी ने राहुल गांधी के बयान का जिक्र किया जिसमें राहुल ने कहा था कि जब वे बोलेंगे तब भूकंप आ जाएगा, प्रधानमंत्री उनके सामने खड़े भी नहीं पाएंगे। इसके जवाब मे प्रधानमंत्री ने कहा कि न भूकंप आया और मैं यहां खड़ा भी हूं और अपने काम पर अड़ा भी हूं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दरअसल यह अविश्वास प्रस्ताव उनकी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है, बल्कि कांग्रेस के अपने साथियों में विश्वास का फ्लोर टेस्ट है, जो कहते हैं कि बहुमत मिला तो मैं पीएम बनूंगा इस सपने पर और भी दल मुहर लगा दें। इसका ट्रायल चल रहा है इस प्रस्ताव के बहाने अपने कुनबे को जमाने की चिंता है।