केन्द्र सरकार ने निर्भया स्कीम के तहत सार्वजनिक वाहनों और बसों में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस तथा इमरजेंसी बटन लगाने का निर्णय लिया
नई दिल्ली। सरकार ने निर्भया स्कीम के तहत सार्वजनिक वाहनों और बसों में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस तथा इमरजेंसी बटन लगाने के लिए सभी राज्यों को मदद देने का निर्णय लिया है। इसके तहत केंद्र सरकार राज्यों को 60 फीसद सहायता प्रदान करेगी। जबकि 40 फीसद राशि राज्यों को खुद लगानी होगी। सरकार ने निर्भया स्कीम के तहत कुछ वर्ष पहले सभी सार्वजनिक वाहनों तथा राज्य परिवहन निगमों की बसों में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग (VLT) डिवाइस तथा इमरजेंसी लगाना अनिवार्य किया था। इस संबंध में 28 नवंबर 2016 को सड़क मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी। जिसके अनुसार यात्री सवारी ढोने वाले सभी सार्वजनिक वाहनों में 1 अप्रैल, 2018 से सभी पंजीकृत वाहनों में वीएलटी और इमरजेंसी बजट लगाए जाने थे।
राज्यों को दिया गया था अधिकार राज्यों को अधिकार दिया गया था कि जब तक वे इस संबंध में अधिसूचना नहीं निकालते तब तक 31 दिसंबर, 2018 से पहले पंजीकृत वाहनों को वीएलटी व इमरजेंसी बटन लगाने से छूट दे सकते हैं। इन उपकरणों से सुसज्जित वाहनों की निगरानी के लिए राज्यों में कमांड एंड कंट्रोल सेंटरों (मानीटरिंग सेंटरों) की स्थापना की जानी थी। परंतु धन की कमी के कारण बहुत कम राज्यों में ये केंद्र स्थापित किए जा सके हैं। नतीजतन स्कीम का प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो सका है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को वित्तीय मदद देने का निर्णय लिया है। ये मदद 37 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाएगी। इसके लिए इन्हें वाहनों की संख्या तथा क्षेत्रफल के आधार पर कुछ श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
परियोजना की 60 फीसद राशि देगी केंद्र सरकार पर्वतीय व दुष्कर भू-भौगौलिक इलाकों वाले राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों को केंद्र सरकार परियोजना की 60 फीसद राशि देगी। राज्यों को केवल शेष 40 फीसद राशि वहन करनी होगी। जबकि कठिन भूभौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों को केंद्र से 90 फीसद राशि मिलेगी और उन्हें केवल 10 फीसद स्वयं लगानी होगी। केंद्रशासित प्रदेशों को शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता मिलेगी। पूरे देश में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस तथा इमरजेंसी बटन की एकसमान उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सड़क मंत्रालय ने एआइएस 140 मानक जारी किए हैं। राज्यों को इन्हीं के अनुसार इन उपकरणों की खरीद करनी होगी।