कश्मीर में पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली बातचीत टली
नई दिल्ली । भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली बातचीत टल गई है। अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात होने जा रही थी। गौरतलब है कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद कुरैशी के बीच यूएन जनरल असेंबली से इतर वार्ता होनी तय हुई थी। लेकिन शुक्रवार तड़के कश्मीर में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से दोनों देशों के बीच माहौल एक बार फिर गरमा गया। वहीं, भाजपा सरकार भी कई बार कह चुकी है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं है, पहले पाकिस्तान को आतंकवाद पर रोक लगानी होगी। भाजपा के राज्यसभा सांसद ने सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कश्मीर की आतंकी वारदात के बाद पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करने की सलाह दी। फिलहाल, विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि दोनों देशों के बीच अब बातचीत संभव नहीं है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत की घोषणा के बाद से ही दो गंभीर वारदातें हुईं। जिनमें एक तो पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा भारतीय जवानों की निर्मम हत्या और दूसरा पाकिस्तान में आतंकियों पर डाक टिकट जारी करना शामिल है। इस लिहाज से दोनों देशों के बीच वार्ता संभव नहीं है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारत में आतंक फैलाने वालों के नाम पर डाक टिकट जारी करते हुए उन्हें हीरो की तरह पेश किया है।
शुक्रवार को 3 पुलिसकर्मियों की हत्या जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकियों ने शुक्रवार को 3 पुलिसकर्मियों को अगवा कर हत्या कर दी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। बताया जा रहा है स्थानीय आतंकियों ने इन पुलिसकर्मियों का अपहरण किया था। जिनमें 3 स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) और 1 पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिसकर्मियों के शव सर्च ऑपरेशन के दौरान कापरन गांव में मिले।आतंकियों द्वारा तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर मौत के घाट उतारे जाने के बाद शुक्रवार को छह पुलिसकर्मियों ने नौकरी से इस्तीफे का एलान कर दिया। अगवा किए गए पुलिसकर्मियों की पहचान फिरदौस अहमद कूचे, कुलदीप सिंह, निसार अहमद धोबी और फैयाज अहमद बट के रुप में हुई। संबधित सूत्रों ने बताया कि अगवा किए गए पुलिसकर्मी दक्षिण कश्मीर में दो गांवों कापरिन और बटगुंड के रहने वाले थे। इनमें तीन एसपीओ हैं और एक पुलिस कांस्टेबल शामिल था।