कल से लॉकडाउन पार्ट-3, खुलेंगे ग्रीन और ऑरेंज जोन में ताले
नई दिल्ली। देश में लागू लॉकडाउन का तीसरा चरण सोमवार से शुरू होगा जो 17 मई तक चलेगा। 17 मई तक चलने वाला यह चरण अब तक के दोनों चरणों के मुकाबले काफी राहतभरा रहेगा। लॉकडाउन के नियमों में ढील देने के लिए कोरोना वायरस के जोखिम के आधार पर देश को तीन भागों रेड, ऑरेंज और ग्रीन में बांटा गया है। तीनों ही श्रेणियों में देश में अंतरराज्यीय यात्रा, विमान एवं ट्रेन सेवाएं 17 मई तक बंद रहेंगी। हालांकि कुछ अन्य गतिविधियों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में वर्गीकरण के आधार पर अनुमति दी जाएगी।
इन पर देशव्यापी रोक रेल, मेट्रो और हवाई यात्राएं अभी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगी। सड़क मार्ग से एक से दूसरे राज्य में जाने, स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान और होटल, रेस्टोरेंट समेत अन्य हॉस्पिटेलिटी सेवाओं को भी संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। किसी भी जोन में 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चों को जरूरी कार्यो और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के अतिरिक्त घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है।
सभा, सार्वजनिक पूजा पर जारी रहेगी रोक केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार देश भर में इस दौरान शिक्षण संस्थान, राजनीतिक, सांस्कृतिक और अन्य सभी प्रकार के एकत्रीकरण कार्यक्रम, आतिथ्य सेवाएं तथा सार्वजनिक धार्मिक या उपासना स्थल बंद रहेंगे लेकिन कुछ चुनिंदा उद्देश्यों के लिए विमान, रेल और सड़क मार्ग से लोगों की आवाजाही की मंजूरी होगी। उसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से अनुमति दी गई है।
इस आधार पर बांटे गए जोन संक्रमण के मामलों के आधार पर जिलों को जोन में बांटा गया है। जहां 21 दिन से कोई मामला नहीं आया है, ऐसे जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है। नियंत्रित मामलों वाले जिले ऑरेंज जोन में और ज्यादा मामले वाले जिले रेड जोन में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शुक्रवार को देश में 130 रेड जोन, 284 ऑरेंज जोन और 319 ग्रीन जोन जिले थे। सबसे ज्यादा 19 रेड जोन जिले उत्तर प्रदेश में और 14 महाराष्ट्र में हैं। दिल्ली के सभी जिले रेड जोन में हैं।
ग्रीन जोन में इन्हें मिली छूट इस बार ग्रीन जोन वाले जिलों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों और अन्य सतर्कताओं के साथ लगभग सभी गतिविधियों की छूट दे दी गई है। बसें चल सकती है लेकिन उसमें महज 50 फीसद यात्री ही होंगे। ग्रीन जोन में नाई की दुकान, स्पा और सैलून को भी खोलने की इजाजत होगी। यही नहीं ई-कॉमर्स कंपनियों को गैरजरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की भी स्वीकृति मिल गई है। कंटेनमेंट एरिया के अतिरिक्त सभी जोन में ओपीडी और मेडिकल क्लीनिक खोलने की अनुमति है।
ऑरेंज जोन में छूट का दायरा बढ़ा ऑरेंज जोन में भी छूट का दायरा बढ़ा दिया गया है। इस क्षेत्र में लोगों को सुबह सात से शाम सात बजे के बीच गैरजरूरी गतिविधियों के लिए भी बाहर आने-जाने की अनुमति दे दी गई है। नाई की दुकान, स्पा और सैलून को भी खोलने की इजाजत होगी। इन जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों को गैरजरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की भी स्वीकृति मिल गई है। यही नहीं ओपीडी और मेडिकल क्लीनिक खोलने को भी अनुमति है।
ऐसे होंगे अगले दो हफ्ते
– ग्रीन जोन में सभी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूíत हो सकेगी
– सुबह सात से शाम सात बजे तक बाहर आने-जाने की अनुमति
– ऑरेंज जोन में भी ज्यादातर सेवाओं का रास्ता खुल गया है
– दोनों जोन में ई-कॉमर्स कंपनियां सभी वस्तुओं की आपूíत करेंगी
– रेड जोन में भी कुछ अतिरिक्त सेवाओं को इजाजत मिली है
– फिजिकल डिस्टेंसिंग के प्रावधानों का पालन सबके लिए अनिवार्य
रेड जोन में जारी रहेगी सख्ती रेड जोन में सख्ती से लॉकडाउन का पालन करना होगा। रेड जोन में रिक्शा, ऑटो, टैक्सी आदि पर रोक कायम रहेगी। रेड जोन में ई-कॉमर्स कंपनियां भी केवल आवश्यक वस्तुओं की ही आपूíत करेंगी। कंटेनमेंट एरिया में लोगों का आना-जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। वहां जरूरी सेवाएं लोगों के घरों तक पहुंचाई जाएंगी। हालांकि राज्य सरकारें परिस्थिति के अनुसार छूट में बदलाव कर सकती हैं।
कंटेनमेंट जोन में बंद रहेंगे बाजार रेड जोन के अंदर कंटेनमेंट जोन में देशभर में प्रतिबंधित गतिविधियों के अलावा साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, जिलों के अंदर और जिलों के बीच बसों की आवाजाही, सैलून, स्पा के खुलने पर प्रतिबंध रहेगा। यही नहीं इन शहरों में सभी गैर जरूरी वस्तुओं के लिए मॉलों, बाजारों और बाजार परिसरों को खुलने की अनुमति नहीं होगी।
ट्रकों की आवाजाही के लिए हेल्पलाइन नंबर वस्तुओं की एक से दूसरे राज्य में आवाजाही पर कोई राज्य रोक नहीं लगाएगा। इसके लिए गृहमंत्रालय ने 1930 हेल्पलाइन नंबर को ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों के लिए भी खोल दिया है। ट्रक और सामान की आवाजाही से संबंधित किसी भी समस्या के लिए वे इस हेल्पलाइन नंबर पर 24 घंटे में कभी भी फोन कर सकते हैं। इसके साथ ही हाईवे पर आने वाली शिकायतों के लिए 1033 हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध रहेगा।