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ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुआ नुकसान

विकासनगर। देशभर में फैले कोराना संक्रमण संकट के दौरान किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। लॉकडाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात के साधन नहीं मिलने से किसानों की नगदी फसलें खेतों में ही खड़ी हैं। लेकिन जौनसार-बावर के अधिकांश क्षेत्रों में हो रही ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान हो रहा है।
क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से जामुआ, अष्टी, आरा, टिमरा, मलेथा आदि गांवों में किसानों की मटर की फसल बर्बाद हो गई है। ग्रामीण किसानों ने सरकार से फसलों को मंडी तक पहुंचाने की सुगम व्यवस्था करने की मांग की है। जामुआ के किसान संतराम, विक्रम सिंह, राकेश, टीकम सिंह, कुंवर सिंह, गुड्डू, अजब सिंह ने बताया कि जौनसार-बावर परगने के अधिकांश ग्रामीणों की आर्थिकी का मुख्य साधन नगदी फसलों का उत्पादन है। यहां इन दिनों बड़े पैमाने पर मटर की फसल खेतों में खड़ी है। सामान्य दिनों में मार्च माह के अंत तक किसान अपनी फसल को मंडी तक पहुंचा देते हैं। लेकिन इन दिनों लॉक डाउन होने के कारण आधी से अधिक फसल अभी भी खेतों में ही खड़ी है। अब खेतों में खड़ी फसल पर मौसम की मार पड़ रही है। ओलावृष्टि से पकी हुई मटर की फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही है। ओला पड़ने से मटर के दानों पर दाग पड़ रहे हैं, जिससे बाजार में मटर का उपयुक्त दाम नहीं मिल रहा है। इस कारण किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से खेतों से ही फसल बेचने की सुविधा दिए जाने की मांग की है। उधर, एसडीएम चकराता डा. अपूर्वा सिंह ने बताया कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने के निर्देश तहसीलदार को दिए गए हैं।

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