गाजीपुर, चंदौली, मऊ और वाराणसी में ईवीएम बदलने की अफवाह से मचा हड़कंप, प्रशासन ने बुलाई अतिरिक्त फोर्स
वाराणसी। पूर्वांचल के चार जिलों में शाम से ही ईवीएम को लेकर हंगामा मचा रहा। रात भर कई जगह विवाद की नौबत अाई तो फोर्स तक बुलानी पड़ गई। दरअसल चारों मामले वाराणसी, चंदौली, मऊ और गाजीपुर जिले से जुड़े हुए हैं जहां ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए गठबंधन प्रत्याशियों की ओर से प्रदर्शन करते हुए खुद के रखवाली की बात पर विवाद बढ़ता चला गया। विवाद शुरू होते ही प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और आनन फानन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करनी पड़ गई।
वाराणसी में धरने पर बैठे कार्यकर्ता गाजीपुर और चंदौली में ईवीएम बदले जाने की अफवाह की सूचना मिलते ही कांग्रेस और सपा के कई कार्यकर्ता पहडिय़ा मंडी पहुंच गए। वे सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। अचानक उनके रात में पहुंचने पर मौजूद सुरक्षा कर्मी भी घबरा गए। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल उच्च अधिकारियों को दी। मौके पर पीएसी संग स्थानीय पुलिस पहुंच गई। रात तक दोनों पार्टी के कार्यकर्ता धरने पर बैठे रहे। पुलिस ने हालांकि इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी। रात भर किसी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया था। वहीं ईवीएम बदलने की अफवाह को लेकर पहड़िया मंडी में विभिन्न दलों के कार्यकर्ता जमे हैं। रात में उप निदेशक मंडी को लोगों ने रोक दिया था, फिलहाल सुबह भी लोग शांति से बैठे हुए हैं। वहीं ईवीएम बदलने की अफवाह के बाद सक्रिय हुए अधिकारियों ने मामले में अपनी तरफ से स्पष्ट किया कि कूलर लगे कमरे में बैठने को लेकर बहस हुई थी। एसपी सिटी, एडीएम सिटी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराने के बाद सुरक्षा घेरे में स्ट्रांग रूम भी ले जाया गया। सभी प्रतिनिधि व्यवस्था से संतुष्ट थे। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पिंडरा में चुनाव के बाद से ही कई प्रत्याशियों के प्रतिनिधि रात में रूक रहे हैं। 24 घण्टे सीसीटीवी के माध्यम से वह ईवीएम पर नजर रख रहे हैं। ईवीएम को लेकर कुछ लोग अफवाह फैला कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश में हैं। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
अफजाल की पुलिस से नोंकझोक नवीन मंडी समिति जंगीपुर में बनाए गए स्ट्रांग रूम के बाहर सोमवार की देर शाम उस समय हंगामा मच गया जब गठबंधन प्रत्याशी अफजाल अंसारी अपने सैकड़ों समर्थकों संग पहुंच कर आसन जमा लिए। इससे जिला व पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए। मौके पर सदर एसडीएम व सीओ भी भारी फोर्स के साथ पहुंच गए। हालांकि देर रात तक उन्हें हटाया नहीं जा सका। अफजाल अंसारी ने ईवीेएम की सुरक्षा पर सवाल लगाते हुए कहा कि उन्हें जिला प्रशासन पर भरोसा नहीं है। उनके लोग खुद मशीन की निगरानी करेंगे। आरोप लगाया कि चंदौली में ईवीएम बदलने की कोशिश हुई है। यहां भी यह वाकया दोहराया जा सकता है। पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर वहां से हटाने की कोशिश लेकिन वह और उनके समर्थक एक भी बात मानने को तैयार न थे। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व अफजाल अंसारी के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। अफजाल अंसारी के किसी भी कीमत पर वहां से न हटने की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई। स्थिति को देखते हुए वहां भारी संख्या में पीएसी बुला ली गई। उनके साथ जंगीपुर सपा विधायक डा. विरेंद्र यादव भी थे।
बोले अफजाल : चंदौली में कुछ संदिग्ध ईवीएम पकड़ी गई हैं। ऐसे में हम लोग चहारदीवारी के बाहर ही रहेंगे और मतगणना तक स्ट्रांग रूम की निगरानी करेंगे। दल के शीर्ष नेताओं का भी इस दिशा में निर्देश आया है कि वह स्ट्रांग रूम के आसपास अपने लोगों को तैनात करें ताकि ईवीएम से कोई छेड़छाड़ न कर सके।
भोर में बनी बात, समर्थकों संग लौटे अफजाल : जंगीपुर मंडी समिति में देर रात तक हो हल्ला, नोंकझोक के बाद करीब तीन बजे भोर में प्रत्येक विधानसभा के स्ट्रांग रूम के सामने एजेंटों के रखे जाने की सहमति पर मामला शांत हुआ। इस दौरान पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह और जंगीपुर सपा विधायक वीरेंद्र यादव के अलावा सुभासपा के जखनियां विधायक त्रिवेणी राम भी रहे। अफजाल व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश के पहल पर प्रशासनिक अधिकारियों से लंबी वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया कि एक विधानसभा के स्ट्रांग रूम के सामने एक सांसद प्रतिनिधि रहेगा। अधिकारियों ने बात मान ली और विधानसभा वार एक एजेंट की ड्यूटी लगाई गई है। भारी संख्या में मेन गेट पर मंडी समिति परिसर के बाहर भी फोर्स की तैनाती कर दी गयी है।
चंदौली में रिजर्व ईवीएम मंडी समिति में रखने पर हंगामा सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र की रिजर्व ईवीएम सोमवार को स्थानीय मंडी समिति में रखे जाने को लेकर गठबंधन, कांग्रेस व जन अधिकार पार्टी के नेताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव समेत तमाम नेतागण मंडी परिसर में धरने पर बैठ गए। आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सत्ता पक्ष के दवाब में मतगणना के दिन ईवीएम बदलने की साजिश रच रहा है। जानकारी मिलते ही जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल, एसपी संतोष सिंह, एडीएम, सीडीओ समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। धरनारत लोगों को बताया गया कि यह नियम के तहत ही यहां रखी गई हैं लेकिन लोग लाई गई ईवीएम को समिति से बाहर रखवाने की मांग पर अड़े रहे। डीएम ने प्रेक्षक व निर्वाचन आयोग को मामले की पल-पल की जानकारी दी। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में 13-13 फीसद अतिरिक्त ईवीएम जोनल मजिस्ट्रेटों को दी गई थीं। इनका प्रयोग वहां करना था जहां ईवीएम खराब होती। मतदान संपन्न होने के बाद ये ईवीएम जोनल मजिस्ट्रेटों ने संबंधित तहसीलों के मिनी स्ट्रांग रूम में जमा करा दी थी। हालांकि जिले की अन्य तहसीलों से अतिरिक्त ईवीएम रविवार की देर रात ही मंडी समिति परिसर में विधानसभा वार बने कक्षों में जमा हो गई। सकलडीहा तहसील की 35 ईवीएम सोमवार को एसडीएम रामसजीवन मौर्य मालवाहक से लेकर मंडी समिति पहुंचे और सकलडीहा कक्ष में जमा करा दी। इसकी जानकारी होते ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह मुन्ना, सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर, बसपा जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं संग समिति पहुंचे और ईवीएम यहां से दूसरे स्थान पर रखने की मांग करने लगे। एसडीएम के समझाने के बाद भी वे नहीं माने तो उन्होंने जिलाधिकारी, एडीएम, सीडीओ, एसपी को जानकारी दी। कुछ ही देर में सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण व पूर्व प्रमुख बाबूलाल यादव भी समर्थकों संग मौके पर पहुंच गए और आरोप लगाया कि प्रशासन दवाब में काम कर रहा। डीएम ने समझाने की कोशिश की लेकिन वे अतिरिक्त ईवीएम हटाने की मांग पर अड़े रहे। आखिरकार इवीएम को दूसरी जगह रखने की बात पर विवाद थमा।
बोले चंदौली के जिला निर्वाचन अधिकारी मंडी समिति परिसर में रिजर्व ईवीएम रखने को विधानसभा वार कक्ष बने हैं। सभी दलों के नेताओं को पूर्व में ही जानकारी दी गई थी कि मतदान संबंधी ईवीएम स्ट्रांग रूम में सीआरपीएफ की देखरेख में रखीं गईं जबकि अतिरिक्त ईवीएम अलग कक्ष में रखी जाएंगी। राजनैतिक दलों के नेता ईवीएम हटाने को कह रहे, इस संबंध में प्रेक्षक, प्रदेश चुनाव आयोग को जानकारी दी है। जैसा निर्देश मिलेगा, उसी हिसाब से कार्य किया जाएगा।
मऊ में ईवीएम रखवाली पर चटकी लाठियां कृषि एवं फल मंडी में रखे ईवीएम की रखवाली करने पहुंचे बसपा कार्यकर्ताओं पर देर रात पुलिस ने लाठियां भांजकर वहां से खदेड़ दिया। नगर पालिकाध्यक्ष मुहम्मद तैयब पालकी, जिलाध्यक्ष राजीव कुमार राजू सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। मौके पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सपा नेता अरशद जमाल, सपा जिलाध्यक्ष धर्म प्रकाश यादव व गठबंधन के दोनों दलों के दर्जनों कार्यकर्ता भी थे। कृषि मंडी से भागकर सभी नेता व कार्यकर्ता पहुंचे सपा कार्यालय तो वहां भी अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र श्रीवास्तव व सिटी मजिस्ट्रेट के साथ कई थानों की फोर्स पहुंच गई। रात में नगर पालिका अध्यक्ष तैयब पालकी की तलाश में पुलिस ने कई जगह छापेमारी की। अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी के आवाज देने पर सपा कार्यालय का दरवाजा खुला तो तीनों अधिकारी अंदर गए और वार्ता की। वहीं रात में ही घोसी से आ रहे सपा नेता राजेंद्र पांडेय व पूर्व विधायक सुधाकर सिंह के पुत्र को पुलिस ने हिरासत में लिया और कोतवाली ले गए। बवाल के बाद बलिया मोड़ पहुंच पूर्व विधायक सुधाकर सिंह ने जिलाधिकारी से वार्ता कर मामले को शांत कराया। इसके बाद प्रशासन ने 2:30 बजे गाड़ियों और बंद लोगों को छोड़ दिया। ईवीएम की निगरानी के लिए प्रत्येक विधानसभा से दो-दो लोगों का पास बनाने की सहमति बनी।