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धीरेंद्र प्रताप ने भू कानून की मांग को लेकर आयोजित रैली में किया मानसून सत्र में आमरण अनशन का एलान
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने आज मुख्यमंत्री आवास पर हजारों आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए 10% शेती आरक्षण को लेकर ऐलान किया कि यदि मानसून सत्र में मुख्यमंत्री ने 10% से तिजारा क्षण को लेकर अपना वायदा पूरा नहीं किया तो वह मुख्यमंत्री आवास पर आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे भू कानून और मूल निवास के सवालों को उत्तराखंड की अस्मिता का सवाल बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून अगर पास ना किए गए तो कुछ समय बाद यहां पर बाहर के लोग आ जाएंगे यहां की जमीन खरीद लेंगे यहां बस जाएंगे और आज जो उत्तराखंड के लोग यहां पर इस धरती के मालिक बने हैं उन्हें एक बार फिर से नौकर बनना पड़ेगा और गुलाम बनकर इस राज्य में रहना पड़ेगा। उन्होंने त्रिवेंद्र रावत की सरकार द्वारा सन 2018 में वह कानून में लाई गई नए नीतियों को निरस्त किए जाने की मांग करते हुए 2000 अट्ठारह के बहू कानून को तुरंत खत्म करने की मांग की उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों के जिसमें दिल्ली समेत उत्तराखंड और अन्य राज्यों के लोग हैं उनके रुके हुए चीनी करण को तुरंत पूरा किए जाने की मांग की है इस मौके पर उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के शहीदों को नमन किया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए इस देश की आजादी में उनके महान योगदान को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की उन्होंने इस मौके पर उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी का भी स्मरण किया जिन्होंने गांधीवाद सत्याग्रह करके उत्तराखंड राज्य को एक सफलता की ओर ले गए।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच और मित्र संस्थाओं द्वारा आयोजित आज के ऐतिहासिक सत्याग्रह में हजारों लोगों ने भाग लिया जगमोहन सिंह के नेतृत्व में हिरन प्रताप ने कहा कि एक ऐतिहासिक प्रदर्शन था और सरकार को इसका संज्ञान लेना होगा इस मौके पर चयनित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संरक्षक देवी प्रसाद व्यास अभियान समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अनिल जोशी, अचिनहित आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष नरेश चंद्र भट्ट, जिला देहरादून के अध्यक्ष विशंभर बौठियाल सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।