कांग्रेस अध्यक्ष को जब आंख मारने से फुरसत मिल जाए तब वह तथ्यों पर गौर कर लेंः-अमित शाह

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप का भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तुरंत ही जवाब दिया है। पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष को जब आंख मारने से फुरसत मिल जाए तब वह तथ्यों पर गौर कर लें। उन्होंने कहा कि दलितों का अपमान करना तो कांग्रेस की परंपरा रही है। सिलसिलेवार ट्वीट में शाह ने कहा कि संशोधित बिल के जरिये एससी/एसटी कानून को मजबूत करना और ओबीसी आयोग की स्थापना प्रधानमंत्री की विरासत में है। दलित नेताओं का अपमान करना, मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध करना और ओबीसी संस्था को मजबूत बनाने में बाधा डालना कांग्रेस की परंपरा है। एक के बाद एक ट्वीट में शाह ने गांधी पर हमला करते हुए कहा कि जब आपको आंख मारने और संसद बाधित करने से फुरसत मिल जाए तो तथ्यों पर गौर कर लें। उन्होंने जोर दिया कि राजग सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून को संशोधित कर इसे मजबूत किया है। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मोदी से गले लगने के बाद लोकसभा में गांधी के आंख मारने का भाजपा अध्यक्ष हवाला दे रहे थे। उन्होंने लिखा कि सरकार ने एससी/एसटी कानून को मजबूत किया है, फिर आप प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। शाह ने कहा कि अच्छा होता कि कांग्रेस ने जिस तरह बाबा साहेब आंबेडकर, बाबू जगजीवन राम और सीताराम केसरी के साथ व्यवहार किया है राहुल गांधी उस पर बोलते। उन्होंने पूछा कि क्या यह इत्तेफाक है कि जिस साल सोनिया गांधी कांग्रेस से जुड़ीं उसी साल तीसरा मोर्चा-कांग्रेस की सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया और जिस साल राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने तब उन्होंने एससी/एसटी कानून और ओबीसी आयोग का विरोध किया। यह पिछड़ा विरोधी सोच को दिखाता है। शाह ने राहुल पर हमला करते हुए कहा कि आपसे रिसर्च और ईमानदारी की उम्मीद करना मुश्किल है, लेकिन फिर भी आप राजीव गांधी का मंडल के समय का बयान पढ़ें, जब उन्होंने इसका (सिफारिशों का) विरोध किया था। यदि उनके (मोदी के) दिल में दलितों के लिए जगह होती तो नीतियां अलग तरीके से बनाई जातीं। गुजरात में उन्होंने अपने भाषणों की एक किताब निकाली जिसमें उन्होंने लिखा कि दलितों को सफाई का काम करने से आध्यात्मिक सुख मिलता है। यह पंक्तियां उनकी सोच और विचारधारा को दर्शाती हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नहीं चाहते कि शिक्षा और इस देश की प्रगति में दलितों को हिस्सा मिले। प्रधानमंत्री की सोच दलित विरोधी है। सारे दलित और कमजोर वर्गो के लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री के दिलो-दिमाग में दलितों के लिए कोई जगह नहीं है और वह दलितों को दबाना चाहते हैं। इसलिए हम उनके खिलाफ खड़े हैं। राहुल ने कहा कि 2019 में भाजपा हारेगी और दलितों, कमजोर वगरें, आदिवासियों तथा किसानों की सरकार बनेगी।
प्रधानमंत्री की सोच दलित विरोधी : राहुल गांधी गौरतलब हैैकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है। राहुल ने एससी-एसटी (उत्पीड़न रोकथाम) कानून 1989 को कथित तौर पर कमजोर किए जाने के खिलाफ दलित संगठनों की ओर से जंतर-मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर रखा। कहा कि भाजपा शासित राज्यों में दलितों को खुलेआम पीटा जा रहा है और दबाया जा रहा है।