विश्वास आधारित संगठनों के साथ क्लस्टर बैठक आयोजित
ऋषिकेश। दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (यूएन हाऊस) में डा साध्वी भगवती सरस्वती, अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव ग्लोबल इंटरफेथ वास एलायंस और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के अध्यक्ष ने फेथ फार अर्थ कॉउन्सिल्लोर्स मीटिंग में विशेष रूप से सहभाग किया। ‘‘एनवायरमेंट प्रायोरिटीज इन इंडिया एंड यूएनइपीस असेंबली एंड फेथ फॉर अर्थ विषय पर डा साध्वी भगवती सरस्वती जी, ब्रह्माकुमारी सिस्टर शिवानी, गोवर्धन इको-विलेज के निदेशक संत गौरांग दास जी, स्वामी प्रकाशानन्द जी चिन्मय मिशन-दिल्ली, स्वामी दीपांकर, दीपांकर ज्ञान फाउंडेशन, रमेश बिजलानी, अरबिंदो आश्रम दिल्ली शाखा,लोकनाथ शर्मा, अहम् ब्रह्मास्मि और ईशा फाउंडेशन के श्री रॉय, इयाद अबुमगली जी निदेशक फेथ फाॅर अर्थ, अतुल बगाई, प्रमुख यूएन एनवायरमेंट कन्ट्री ऑफिस इन्डिया, सुश्री सुभी धुपर, इंडिया की प्रोग्राम ऑफिसर दिव्या दत्त और यूएनईपी की सुपाथी, यूएनइपी की शिक्षा सलाहकार और गायत्री राघवा, यूएनईपी एवं यूआरआई की टीम के सदस्यों और अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।
पृथ्वी पहल और संयुक्त धर्म पहल के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा कलस्टर मीटिंग का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य प्रख्यात फेथ लीडर्स को एक साथ लाना तथा पर्यावरण कार्यक्रमों को बढ़ावा दनेे के लिए कार्य करना है। साथ ही फेथ आधारित संगठनों का नेटवर्क तैयार करना जो पर्यावरणीय समस्याओं का हेतु अपने समुदायों का नेतृत्व करे। इयाद अबुमगली जी ने एक विशेष वीडियो संदेश के माध्यम अपना संदेश प्रसारित किया। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी कहा कि हमारे विकास का आधार एनवायरमेंट प्रायोरिटीज को महत्व ध्यान में रखते हुये होना चाहिये। उन्होंने कहा कि फेथ लीडर्स केे रूप में शायद सबसे बड़ी चीज जो हम कर सकते हैं, वह है जन जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से लोगों और समुदायों को प्रेरित करना। उन्हें कहा कि लोगों को यह मालूम हो कि जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता पर प्रभाव वास्तव में हम सभी को प्रभावित करता है इसलिये मिलकर परिवर्तन की ओर बढ़ना होगा। साध्वी जी ने अमन हरियाली यात्रा के बारे में विचार साझा करते हुये कहा कि जीवा में नेतृत्व में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के साथ मिलकर 1000 से अधिक मदरसों, गुरुकुलों, गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों, रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक स्थानों पर हजारों पौधे लगाए गये जिससे सामूहिक रूप से व्यवहार परिवर्तन और पर्यावरण के प्रति जनसमुदाय को जागरूक किया ताकि प्रत्येक व्यक्ति जागरूक हो कर इस परिवर्तन का हिस्सा हो सकते हैं।
सिस्टर शिवानी जी ने अपने विचार साझा करते हुये कहा कि जब तक हमारे अंदर शांति नहीं होगी, तब तक हम बाहर शांति नहीं पा सकेंगे। हमें अपने संस्कार के रूप में अपने अन्दर करुणा विकसित करने और अपने ग्रह की जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। संकल्प से शान्ति की बात करते हुये कहा कि है – हम अपने इरादे और शब्दों से दुनिया में परिवर्तन के बीज बो सकते हैं। संत गौरांग दासजी ने अपने विचार साझा करते हुये कहा कि पांच तत्वों के समन्वय से हमारी दुनिया की इमारत बनी हुयी हैं। यदि हम अपने अहंकार पर नियंत्रण रख सकते हैं तो हम बाकी सब चीजों का ध्यान रख सकते हैं।मौजूद सभी अन्य संगठनों ने अपने द्वारा किए जा रहे सुंदर कार्यों के बारे में विचार साझा किया और चर्चा की तथा सभी ने अपने संगठनों के द्वारा किये जा रहे सकारात्मक कार्यो के विषय में अवगत कराया। इस अवसर पर साध्वी भगवती सरस्वती जी पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।