डीएम की उपस्थिति में हुआ अमृता-विद्यालय का भूमि-पूजन
हरिद्वार। हरिद्वार जिला मजिस्ट्रेट विनय शंकर पांडे की उपस्थिति में,अमृता-विद्यालय के निर्माण हेतु भूमि-पूजन संपन्न हुआ। निर्माण-कार्य पूरा होने पर,हरिद्वार-स्थित अमृता विद्यालय देश में 52वां होगा। अमृता विद्यालय,माता अमृतानन्दमयी मठ द्वारा संचालित, सीबीएसई से सम्बद्ध ऐसे स्कूलों की श्रृंखला है जो केवल आजीविका हेतु ही नहीं बल्कि मूल्यों पर आधारित शिक्षा पर बल देते हैं। हरिद्वार अमृता विद्यालय के परिसर का निर्माण आठ एकड़ ज़मीन पर,अब से एक वर्ष के भीतर कर दिया जायेगा।
इस समारोह में,मठ के प्रभारी,ब्र.प्रमोद कृष्णन ने बताया,“उत्तराखंड के लोगों के लिए अम्मा के कार्य में यह मील का पत्थर है। हमें आशा है कि इस निर्माण-कार्य की निष्पत्ति व स्कूल का उदघाटन शीघ्र ही होगा।“ अमृता विद्यालय,हरिद्वार के निर्माण कार्य की देखरेख स्वामी प्रेमामृतानन्द पुरी करेंगे। इस भूमि पूजन समारोह में बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति तथा संन्यासी-जन उपस्थित थे,जिनमें शामिल थे। स्वामी केशवानंद,मुजेन्द्र शर्मा,विजेंद्र शर्मा, रमेश, उमेशानंद जी महाराज लाल बाबा, प्रकाश,स्वामी कृष्ण व्यास भागवत धाम, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद जी महाराज, स्वामी अमृतानंद जी महाराज, स्वामी सदानंद जी महाराज, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, स्वामी अच्युतानंद, स्वामी आत्मानंद, महाराज हरिदास, डॉ राम महेश सिंह, डॉ अशोक बद्री, अमृता हॉस्पिटल के आटी चीफ प्रवीण बिष्ट, नितिन, चन्द्रशेखरानन्द, हिन्दू महामण्डल केरल के महासचिव बिनु हरिनारायण,निर्मल, प्रदीश,स्वामी हंसानन्द जी, स्वामी कृष्णानंद, ईशानंद, राम चौतन्य, रवींद्र राजौरा, उत्तर-प्रदेश के पिछड़े वर्ग आयोग के सदस्य, नितिन गौतम, विश्व हिन्दू परिषद् हरिद्वार के अध्यक्ष,भूतपूर्व एमएलए संजय गुप्ता और डॉ साधना डिमरी। उत्तराखण्ड में,माता अमृतानन्दमयी मठ ने, 2013 की आपदा को देखते हुए,यहाँ के कई गाँवों को गोद लिया था। यहाँ बच्चों के लिए निःशुल्क कक्षाएं शुरू की गई थीं जोकि आज भी जारी हैं। इस आपदा के चलते,बेघर हो गए लोगों के लिए बहुत से घर भी बनाये गए थे।