भारत को रूस से एस-400 ट्रिंफ एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति अक्टूबर 2020 से शुरू हो जाएगी
नई दिल्ली। भारत को रूस से एस-400 ट्रिंफ एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति अक्टूबर 2020 से शुरू हो जाएगा और अप्रैल 2023 तक यह हो जाएगी। दुनिया का यह आधुनिकतम एयर डिफेंस सिस्टम आकाश में दुश्मन की ओर से आने वाले हर तरह के विमानों और मिसाइलों को रोककर उन्हें बर्बाद करने में सक्षम है। सिस्टम के उच्च क्षमता वाले रडार 400 किलोमीटर की दूरी से ही खतरे को भांप लेते हैं और इसके बाद मिसाइल बैटरी सक्रिय होकर आ रहे विमान या मिसाइल को नष्ट कर देती है। डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति शुरू होने की महत्वपूर्ण जानकारी रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में दी। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम देश को दुश्मन के हमले से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। भारत ने इस सिस्टम की खरीद के लिए रूस के साथ अक्टूबर 2018 में 40 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। अमेरिका की प्रतिबंध लगाने की चेतावनी को दरकिनार करते हुए भारत ने रूस के साथ यह सौदा किया था। चीन यह सिस्टम पहले ही खरीद चुका है।
S-400 डिफेंस सिस्टम की खास बातें
- S-400 डिफेंस सिस्टम एक विमान भेदी मिसाइल है। यह रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी।
- इस डिफेंस सिस्टम से बैलिस्टिक मिसाइलों, विमानों, क्रूज और दुश्मन के जमीनी ठिकानों को भी आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।
- ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखती है। इसके पास अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी क्षमता है।
- S-400 डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ तीन-तीन मिसाइलें एक साथ दागी जा सकती हैं, जिससे हम किसी भी दुश्मन को हैरत में डाल सकते हैं।
- इस डिफेंस सिस्टम की मदद से मिसाइल से लेकर ड्रोन तक यानी इसकी मौजूदगी में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है।
- यह डिफेंस सिस्टम एक तरह का मिसाइल शील्ड है जो पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों से भी यह बचाएगा।