भारत को किस देश से कौन सा हथियार खरीदना है ये उसे ही तय करना हैः-विदेश मंत्री जयशंकर
वाशिंगटन । विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा है कि भारत को किस देश से क्या खरीदना है ये उसे ही तय करना है। कोई देश भारत को यह नहीं बता सकता है कि वह किस देश से कौन सा हथियार खरीदे और कौन सा नहीं खरीदे। जयशंकर रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के भारत के फैसले पर अमेरिका की आपत्ति के सवाल का जवाब दे रहे थे। इस सौदे से नाराज अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने की धमकी तक दी है।
सैन्य उपकरण खरीदने में भारत का संप्रभु अधिकार अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो के साथ बैठक से पहले संवाददाताओं से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि भारत ने यह हमेशा से कहा है कि उसे किस देश से सैन्य उपकरण खरीदने हैं यह तय करना उसका संप्रभु अधिकार है। जयशंकर ने कहा, ‘हम यह नहीं चाहेंगे कि कोई देश हमसे यह कहे कि रूस से हमें क्या खरीदना है और क्या नहीं, इसी तरह हम यह भी नहीं पसंद करेंगे कि कोई देश हमसे यह कहे कि अमेरिका से हमें क्या खरीदना है और क्या नहीं।’
रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का सौदा बता दें कि भारत ने पिछले साल रूस से 5.2 अरब डॉलर (35 हजार करोड़ रुपये) में पांच एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का सौदा किया है। अमेरिका ने रूस से हथियार के बड़े सौदे करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं।
अमेरिका के साथ भारत के मतभेद जयशंकर ने ईरान के मसले पर अमेरिका के साथ भारत के मतभेदों का भी उल्लेख किया। ट्रंप प्रशासन ने ईरान से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगा रखा है। भारत समेत कुछ देशों को छह महीने की छूट दी थी, जिसे अब खत्म कर दिया है। जयशंकर ने कहा कि हम अपनी नजर से ईरान को देखते हैं तो वह एक स्थिर और संतुलित शक्ति के रूप में नजर आता है।
कश्मीर पर भारत का रुख स्पष्ट, किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने कश्मीर में मध्यस्थता के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर कहा, ‘भारत का रुख करीब 40 साल से इस बात को लेकर स्पष्ट है कि हम मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे.. और जो कुछ भी बातचीत होनी है, वह द्विपक्षीय होगी।’
भारत से पाकिस्तान की तुलना पर उठाए सवाल जयशंकर ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान को ‘साथ जोड़ने’ की कोशिशों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसा वे लोग कर रहे हैं जिनका मानना है कि हमें अनुच्छेद 370 पर कुछ नहीं करना चाहिए था। जयशंकर ने कहा, ‘आप एक ऐसे देश को कैसे साथ जोड़कर देख सकते हो, जो आपकी अर्थव्यवस्था का आठवां हिस्सा है.. जो ‘छवि के हिसाब से’ आपसे एकदम विपरीत है?’
अमेरिका की घरेलू राजनीति के मामले में भारत का रुख तटस्थ विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अमेरिका की घरेलू राजनीति के मामले में भारत का रुख तटस्थ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ह्यूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ रैली के दौरान सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति के समर्थकों द्वारा 2016 में उनके पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल किए गए नारे ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का उल्लेख कर रहे थे। जयशंकर ने इस बात को सिरे से नकार दिया कि प्रधानमंत्री ने 2020 के चुनाव अभियान के लिए ट्रंप की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए ऐसा कहा था। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री ने जो कहा, उस पर कृपया सावधानीपूर्वक ध्यान दें। मेरी याददाश्त के मुताबिक प्रधानमंत्री ने जो कहा वह ट्रंप ने (अबकी बार ट्रंप सरकार) इस्तेमाल किया था। इसलिए प्रधानमंत्री अतीत की बात कर रहे थे।’