अर्बन नक्सल’ के मामले में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज
नई दिल्ली । ‘अर्बन नक्सल’ के मामले में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राजनैतिक लड़ाई के लिए देश के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकती है। डॉ. पात्रा ने कहा कि ‘अर्बन नक्सलियों’ की आपसी बातचीत की एक और चिट्ठी हाथ लगी है। जिसमें कांग्रेस और ‘अर्बन नक्सलियों’ के बीच संबंधों का खुलासा होता है। पात्रा ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस, नक्सलियों और माओवादियों से हाथ तक मिलाने को तैयार है।
कांग्रेस पर नक्सलियों से साठगांठ का आरोप संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में रही है तब से नक्सलवाद और माओवाद को लेकर कांग्रेस का दोहरा चरित्र रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह कहते थे कि नक्सलवाद, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसके अलावा पूर्व गृहमंत्रियों ने भी नक्सलवाद को समस्या बताया है। जबकि कांग्रेस के ही कुछ लोगों में नक्सलवाद के प्रति प्रेम जगजाहिर है। पात्रा ने कहा कि ये वही कांग्रेस है, जिसने मलकान गिरी कलेक्टर को अगवा करने के बदले 8 नक्सिलयों को रिहा किया था।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप पात्रा ने आरोप लगाया कि चिट्ठी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मोबाइल नंबर का जिक्र है। पात्रा ने कहा कि अभी तक दिग्विजय सिंह ने भी इस बात का खंडन नहीं किया है कि नंबर उनका नहीं है। साथ ही पात्रा ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। वक्त आने पर दिग्विजय सिंह के साथ भी कानूनी तरीके से निपटा जाएगा।
दिग्विजय सिंह बोले- तो गिरफ्तार करे सरकार भाजपा प्रवक्ता की ओर से लगाए नक्सलियों के साथ संबंध के गंभीर आरोपों पर दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है (नक्सलियों से संबंध हैं) तो सरकार मुझे गिरफ्तार करे। उन्होंने कहा कि पहले देशद्रोही, अब नक्सली (का आरोप) तो इसीलिए सरकार मुझे यहीं से गिरफ्तार करे।
कांग्रेस का पलटवार कांग्रेस ने नक्सलियों के साथ कथित तौर पर मदद पहुंचाने के भाजपा के दावों को बकवास और दुष्प्रचार करार देते हुए उल्टे भाजपा और पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने कहा है कि भाजपा तथाकथित दस्तावेजों के सहारे सरकार का ढिंढोरा पीटने वाले मीडिया संगठनों के सहारे दुष्प्रचार में जुटी है। भाजपा के साथ पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस ने कहा कि जांच तो इस बात की होनी चाहिए कि अदालत की चार्जशीट में तथाकथित सबूत दाखिल किये बिना यह भाजपा को कैसे मिल रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा अब जांच एजेंसी का भी काम करने लगी है। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि पुणे पुलिस का यह कथित सबूत अदालत की चार्जशीट से पहले भाजपा के पास कैसे पहुंच गया। यह कागज सही है या गलत यह प्रमाणित हुए बिना भाजपा के हाथ में आने का मकसद साफ है कि दुष्प्रचार के लिए ऐसे कागजातों को सत्ताधारी पार्टी को मुहैया कराया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह बेहद गंभीर मसला है क्योंकि भाजपा अपने दुष्प्रचार के लिए पुलिस, सरकार और राजनीतिक पार्टी की सीमा रेखा की एक मान्य दीवार को ध्वस्त कर रही है। इसके लिए सारी मर्यादाएं और नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा और सरकार अपने मित्र मीडिया चैनलों के जरिये इस तरह की मनगढ़ंत खबरें प्रसारित-प्रकाशित करा रहे हैं जो बेहद गंभीर मामला है। इसीलिए पांच गिरफ्तार वामपंथी बुद्धिजीवियों से जुड़े कथित दस्तावेजों के अदालत के सामने जाने से पहले भाजपा और उसके सहयोगी मीडिया चैनलों के दुष्प्रचार के लिए मुहैया कराये जाने की अदालती जांच होनी चाहिए। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस इसकी अदालत की निगरानी में जांच की मांग करती है।