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अखिलेश के इस ”मास्टरस्ट्रोक” से पस्त हुई भाजपा!

लखनऊ: अगले साल आम चुनाव की ओर बढ़ रहे देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक चौंकाने वाली जुगलबंदी पेश करते हुए यूपी में बुआ-बबुआ की जोड़ी ने भाजपा को चारों खाने चित कर दिया है। गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल कर सबकों चौंका दिया है।

दरअसल, अखिलेश यादव की बेहद सटीक पॉलिटिकल प्लानिंग के चलते सीएम योगी आदित्यनाथऔर डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ‘घर’ में हुए चुनावों में एसपी की जीत हासिल हुई है। बीएसपी से गठबंधन, कांग्रेस के साथ पर्दे के पीछे गठबंधन को बहुत प्रचारित ना करना और क्षेत्रीय पार्टियों से समन्वयन अखिलेश की इस रणनीति का बेहद अहम हिस्सा रहे हैं। चुनाव से पहले ही अखिलेश यादव को यह पता था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद उनकी पार्टी का सबसे निचले स्तर का कार्यकर्ता भी कांग्रेस के साथ हुए गठबंधन को लेकर सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। इस पूर्वानुमान के कारण ही अखिलेश यादव ने उपचुनाव में कांग्रेस से पार्टी के गठबंधन पर कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया।

इसके साथ ही अखिलेश ने चुनाव अभियान के दौरान गोरखपुर के दूसरे सबसे बड़े निषाद वोटर और फूलपुर के पटेल वोटरों के सहारे संसद की सियासत जीतने की रणनीति पर जुट गए। इस बीच उन्होंने इन इलाकों में खास प्रभाव रखने वाली निषाद पार्टी और पीस पार्टी के साथ गठबंधन भी किया। दूसरी ओर सपा व बसपा बिना किसी लहर व उम्मीद के अपने कोर समर्थकों को एक साथ लाने में सफल रहीं। जिसका नतीजा यह हुआ कि इनके संयुक्त प्रत्याशी को दोनों दलों को 2014 में मिले कुल मत से कुछ ज्यादा ही मत मिले। इस तरह वह भाजपा को हराने में सफल हुई।

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