एडीजीपी ने करोड़ों रू की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई न होेने पर कड़ा ऐतराज जताया
देहरादून। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डॉ. वी. मुरूगेशन द्वारा दिव्यांश निधि लिमिटेड, दिव्यांश प्रोसेसर स्टोन एण्ड मैटल प्रा0 लि0, दिव्यांश एडवाईजरी तथा दिव्यांश ग्रुप ऑफ कम्पनीज के आम जनता से की गई करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी के सम्बन्ध में जनपद देहरादून, टिहरी एवं उत्तरकाशी में पंजीकृत विभिन्न अभियोगों की पुलिस अधीक्षक, उत्तरकाशी, क्षेत्राधिकारी, विकासनगर एवं सम्बन्धित विवेचकों के साथ समीक्षा गोष्ठी की गई। गोष्ठी में विवेचकों द्वारा सम्बन्धित कम्पनी के पूर्ण अभिलेख, उनके खातों को फ्रीज करना, आधार कार्ड के आधार पर अन्य जानकारी जुटाना, सम्पत्ति का आंकलन करना तथा समस्त पीड़ितों के नाम एवं धोखाधड़ी से सम्बन्धित सम्पत्ति को विवेचना में सम्मिलित न करने सहित उत्तराखण्ड निक्षेपक (जमाकर्ता) हित संरक्षण (वित्तीय अधिष्ठानों में) अधिनियम 2005 की संसुगत धाराओं के अनुसार कार्यवाही न करके आरोप पत्र प्रेषित करने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए 02 पूर्व विवेचकों के विरूद्ध प्रारम्भिक जांच करने एवं सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी को सचेत किया गया। वर्तमान में जनपद उत्तरकाशी द्वारा दिव्यांश ग्रुप से सम्बन्धित अभियुक्तगण बृजपाल, मांगे राम तथा सरदार सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। प्रश्नगत निधि से सम्बन्धित विकासनगर में 2, डोईवाला, धरासू बड़कोट एवं घनसाली थाने में 01-01 अभियोग पंजीकृत हैं।
इसके अतिरिक्त थाना ज्वालापुर हरिद्वार में कबीर म्यूचुुअल बेनिफिट निधि लि0 द्वारा भी धोखाधड़ी से रूपये इकट्ठा किये जाने से सम्बन्धित अभियोग में अभियुक्त अब्दुल रज्जाक, मसरूफ, नसीम उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार कर लोनधारकों के 65 तोला सोना बरामद किया गया। जनपद पिथौरागढ़ के थाना थल में भी अभियुक्त प्रकाश उपाध्याय द्वारा निर्मल वंग व रॉयल पैन्थर कम्पनी खोलकर इस प्रकार की 01 करोड़ 30 लाख रूपये की धोखाधड़ी पर अभियोग पंजीकृत करते हुए आरोपियों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत भी कार्यवाही करते हुए अवैध रूप से अर्जित लगभग 42 लाख की सम्पत्ति अधिग्रहण की कार्यवाही की गई। किन्तु इन अभियोगों में भी समुचित धाराओं में वृद्धि नहीं की गयी है।
अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा राज्य में इस प्रकार की अन्य कम्पनी, जनशक्ति मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी, जनहित निधि लि0, सर्वोत्तम एग्रो को-ऑपरेटिव सोसायटी, सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, हमारा इण्डिया सोसायटी लि0, एली ग्लोबल फाइनेन्स कम्पनी, निर्मल वंग व रॉयल पैन्थर कम्पनी, कबीर म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड, सरमाउण्ट फार्मिंग इण्डिया प्रा0 निधि लिमिटेड, सुभत्तम मल्टी ट्रेड प्रा0 लिमिटेड, विदित अक्षम विजन निधि लिमिटेड, आदि सोसायटी, कम्पनी से सम्बन्धित अभियुक्तों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं मे ंअभियोग पंजीकृत करने, विवेचना के दौरान समुचित अभिलेख प्राप्त करने, अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ कर धोखाधड़ी से सम्बन्धित सम्पत्ति बरामद करने, बैंक खाते फ्रीज कराने, उनके रजिस्टर्ड कार्यालयों से पूर्ण जानकारी कर नियमानुसार उनके स्तर से भी कार्यवाही कराने सहित अभियुक्तगणों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट में भी एक सप्ताह के अन्दर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।