आबादी वाले इलाके में बंदरों का दखल
हरिद्वार! जंगलों में भुख के सताये जानवर शहरो का रूख करते है जिसमे गुलदार भी क ई बार शिकार की तलाश मे आबादी का रूख कर लेते है उतरी हरिद्वार का अधिक तर हिस्सा जगंलो से लगता हुआ है! इस क्षैत्र मंदिरों की अधिकता होने के कारण बंदरो की खासी तादाद है जिस कारण श्रैत्र के लोगो को परेशानी का सामना करना पडता है क ई बार बंदर घरो मे घुस कर खाने पीने का सामान पर हाथ तो साफ करते ही है! काट भी लेते हैं साथ ही बंदरो की बढती संख्या के कारण बंदरो के गुट एक दूसरे का इलाका कब्जाने के लिये जान लेवा संघर्ष होता रहता है जिससे आम आदमी घरों में कैद होने को मजबूर हो जाता है ऐसा ही एक दो बंदरों के गुटो का संघर्ष उत्तरी हरिद्वार में देखने को मिला चूंकि बंदरों को जंगलों में खाने का पर्याप्त बंदोबस्त न होने के कारण उनकों शहरों की ओर आने को मजबूर होना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर मानव का जंगलों में दखल भी इसका मुख्य कारण बनता जा रहा है।