आतंकी संगठन फंड को जुटाने के लिए अब बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी का कर रहे इस्तेमाल
नई दिल्ली। आतंकी संगठन अपने को हर तरह से हाइटेक करने की दिशा में काम कर रहे हैं। अभी तक उनके पास सिर्फ आधुनिक हथियार ही मिलने की बातें सामने आ रही थीं मगर अब वो अपने को मजबूत करने के लिए बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी से फंड जुटाने के काम में भी लग गए हैं। चूंकि बिटकॉइन से पैसे जुटाने में बहुत अधिक तकनीकी या नाम-पते की जरुरत नहीं है इस वजह से वो इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।बिटकॉइन की तरफ आने की एक बड़ी वजह उनके फंड जुटाने में हो रही समस्या और इसकी पकड़-धकड़ भी है। जिन आतंकी संगठनों को अब तक इस तरह की करंसी के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं थी वो भी फंडिंग के लिए अब बिटकॉइन की कार्य प्रणाली को तेजी से सीख रहे हैं।
हमास ने की शुरुआत इसका जीता जागता उदाहरण प्रतिबंधित आतंकी संगठन हमास है। यह फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन है जिसको कई देशों ने बैन किया है। आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से इस संगठन के खाते बंद कर दिए गए थे। इस साल, इसके सैन्य विंग ने बिटकॉइन का उपयोग करके धन जुटाने के लिए तेजी से एक अभियान की शुरुआत की है।
कसम ब्रिगेड ने स्थापित किया विंग विंग द्वारा स्थापित वेबसाइट के लेटेस्ट संस्करण में इसके लिए फंड देने वाले हर व्यक्ति को को बिटकॉइन का पता दिया जाता है, उस पते पर वो डिजिटल मुद्रा भेज सकता है। इस विंग को कसम ब्रिगेड के रुप जाना जाताा है। अब आतंकी संगठन जिस विधि से फंड जुटाने के लिए काम कर रहे हैं उससे इंफोर्समेंट कानून के तहत उनकी ट्रैकिंग कर पाना लगभग असंभव है। आतंकियों ने इस साइट के माध्यम से पैसा जुटाने के लिए इसमें सात भाषाओं का विकल्प रखा है जिससे इन भाषाओं के जानकार आसानी से फंड दे सकें। हमास की पहचान के लिए वेबसाइट पर बने लोगों में एक हरे रंग का झंडा और एक मशीन गन है। इसमें बिटकॉइन से कैसे फंडिंग की जाए इसको लेकर एक वीडियो भी अपलोड किया गया है। इसके जरिए फंड करने वाले बिना इफोर्समेंट डिपार्टमेंट की नजर में आए पैसा भेज सकते हैं।
फंड के लिए कर रहे बिटकॉइन का इस्तेमाल आतंकवादी अब फंडिंग के लिए अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं वो अपने को सीधा बिटकॉइन की ओर मोड़ रहे है और अपनी जरूरत की चीजों को खरीदने में इसी का इस्तेमाल कर रहे हैं, फिर चाहे वो दवा खरीदने का काम हो या फिर मनी लांड्रिंग करने का काम हो। आतंकवादी संगठनों के बिटकॉइन की तरफ जाने के बाद इन संगठनों के वित्तपोषण पर नजर रखने वाले डिपार्टमेंट ने इसको लेकर अलार्म बजाना शुरू कर दिया है। बिटकॉइन की तरफ जाने की एक बड़ी वजह ये भी है कि इसके माध्यम से बिना जानकारी दिए कोई भी व्यक्ति या संगठन हजारों या लाखों डॉलर फंड कर सकता है।
आसान है बिटकॉइन से फंडिंग अधिकारियों का मानना है कि किसी भी आतंकी ग्रुप को खड़ा और मजबूत करने में अधिक मात्रा में पैसे की आवश्यकता होती है। ऐसे में बिटकॉइन का मांग बढ़ जाती है। सीआईए के पूर्व विश्लेषक याया फैनुसी ने कहा कि अगले कुछ महीनों में आप इसे और अधिक देखने जा रहे हैं। उनका कहना है कि अब क्रिप्टोकरंसी का उपयोग गलत और दुष्ट लोग अधिक कर रहे है, ये करंसी आतंकवादियों को फंड मुहैया कराने का एक जरिया बनती जा रही है। बिटकॉइन जैसी करंसी के माध्यम से पैसा जुटाना आसान हो गया है क्योंकि इसे आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता है। इसकी ओर एजेंसियों का भी ध्यान नहीं है। उनको भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। ट्रेजरी सचिव स्टीवन मेनुचिन ने अपने भाषणों में इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है।
कानून तोड़कर पैसा जमा करने के लिए क्रिप्टोकरंसी नियम कानून तोड़कर पैसा जमा करने वालों के लिए क्रिप्टोकरंसी एक बहुत बढ़िया साधन बन गया है। क्योंकि वो इसके माध्यम से पैसे को जमा कर सकते हैं और ट्रांसफर भी कर सकते है। केंद्रीय एजेंसियां इनको आसानी से पकड़ भी नहीं पाती है। यदि एजेंसियों की इन पर निगरानी हो तो इनके खाते को बंद किया जा सकता है और फंड को फ्रिज किया जा सकता है। विश्व के किसी भी कोने में रहने वाला कोई भी बिटकॉइन के माध्यम से पैसे रिसीव कर सकता है इसके लिए उसे एड्रेस और अपना नाम, पता भी देने की जरुरत नहीं है। अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान, वेनेजुएला और रूस जैसे देशों ने अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो बिटकॉइन अपने तकनीकी वजहों के कारण अभी तक पैठ बनाने में कामयाब नहीं हो पाई है, लेकिन इसकी कवायद जारी है।
दान से चल रहे संगठन गाजा के फिलिस्तीनी तटीय क्षेत्र को नियंत्रित करने वाला संगठन हमास परंपरागत रूप से कतर जैसी विदेशी सरकारों से करोड़ों डॉलर के दान पर बचा है। पश्चिमी समर्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने बीते साल हमास जैसे संगठन पर प्रतिबंध लगाकर उनकी वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचाया था।
बिटकॉइन का उपयोग करने की कर रहे कोशिश मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक स्टीवन स्टालिंस्की ने सभी आर्थिक प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हम बिटकॉइन का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। मेमरी संगठन के रूप में जानी जाने वाली स्टालिंस्की का संगठन आतंकवादी संगठनों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के बढ़ते संकेतों के बारे में 253 पन्नों की रिपोर्ट प्रकाशित करने वाला है।