आम आदमी पार्टी को डबल झटका, दो नेताओं ने छोड़ी पार्टी
जालंधर। शाहकोट विधानसभा उपचुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को शिअद ने दोहरा झटका दिया है। कैंट विधानसभा चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके आम आदमी पार्टी के नेता एचएस वालिया व आप प्रवक्ता सीडी कंबोज ने रविवार को अकाली दल का दामन थाम लिया। पूर्व उप मुख्यमंत्री व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीरसिंह बादल ने दोनों नेताओं को सिरोपा डालकर पार्टी ज्वाइन करवाई। वालिया के साथ आप के वरिष्ठ नेता सुखदयाल सिंह संधू, शहरी यूथ प्रमुख रहे मनप्रीत सिंह, यूथ के सचिव रहे हरप्रीत सिंह आहलूवालिया व राम स्वरूप ने भी पाला बदल लिया। इसी के साथ कैंट हलके में शिअद ने वालिया के रूप में नया चेहरा स्थापित कर लिया है। अब पार्टी यूथ चेहरे से रूप में वालिया को आने वाले चुनावों में अवसर दे सकती है। नकोदर में रैली के दौरान शिअद में शामिल हुए कंबोज भी बीएसपी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं और कांग्रेस के टिकट पर शाहकोट से दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। वर्ष 2015 में वह कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो गए थे और अब पार्टी के प्रवक्ता थे।
सुखबीरसिंह बादल ने कहा कि अकाली दल के प्रति लोगों के रुझान व उत्साह का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सूबे में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की बजाय लोग तेजी के साथ उनके साथ जुड़ रहे है। उन्होंने कहा कि पंजाब के हितों की रक्षा करने वाले अकाली दल ने सदैव लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी है। इसके लिए भले ही उन्हें किसी भी विरोध का सामना क्यों न करना पड़ा हो। उन्होंने कहा कि वालिया में अच्छे राजनीतिज्ञ होने की प्रतिभा है।
भ्रष्ट नीतियों के कारण आप को छोड़ा : वालिया एचएस वालिया ने कहा कि वह मूल रूप से सियासी नहीं है। छोटी उम्र में ही कारोबार की शुरुआत कर दी थी। 2014 में अच्छी सोच को लेकर आई आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की थी। वर्कर से लेकर सभी विधानसभा हलकों में यूथ की कमान संभालने के साथ-साथ कैंट हलके से चुनाव लड़ा। 26 हजार वोट देकर लोगों ने उन पर विश्वास भी जताया। लेकिन, आप की भ्रष्ट नीतियों के चलते उसे छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि नई पार्टी तलाश करने के लिए जब निकला तो शिअद से बेहतर कोई न मिली। कारण, शिअद ने अपने खून के साथ पंजाब की धरती सींचा है।हले अकाली दल, फिर कांग्रेस व उसके बाद भाजपा ज्वॉइन करने वाले राज गायक गायक हंस राज हंस जालंधर कुंज में आयोजित समारोह में पहुंचे तो सही लेकिन न तो मंच पर बैठे व न ही मीडिया के सामने आए। जैसे ही सुखबीर बादल वालिया के घर से निकले, हंस भी उनके साथ चल दिए। पहले ही सुखबीर के साथ हंस की बढ़ती नजदीकियों से चर्चाओं का बाजार गर्म है।