लाइव कार्डियक सर्जरी में एएटीएस के साथ मास्टरक्लास का आयोजन किया
देहरादून। पूर्वी भारत की अग्रणी अस्पताल श्रृंखला, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने प्रतिष्ठित अमेरिकन एसोसिएशन फॉर थोरेसिक सर्जरी (एएटीएस) के सहयोग से एक लाइव कार्डियक सर्जिकल कार्यशाला की मेजबानी करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। नारायण स्वरूप निगम (आईएएस), प्रधान सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. सिद्धार्थ नियोगी उद्घाटन समारोह में सम्मानित अतिथि थे। ज्ञान विनिमय कार्यशाला में कार्यक्रम निदेशक, डॉ. मार्क आर. मून, बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिनध्टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट, और टोरंटो जनरल हॉस्पिटल के डॉ. पिरोज एम. डेवियरवाला जैसे एएटीएस संकायों सहित सम्मानित अंतरराष्ट्रीय संकायों की उपस्थिति देखी गई। डॉ. इस्माइल अल-हमामसी, माउंट सिनाई स्वास्थ्य प्रणाली, डॉ. सीताराम एम. इमामी, बोस्टन चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, डॉ. पूजा काचरू, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिनध्बार्न्स ज्यूइश हॉस्पिटल, और डॉ. एस. क्रिस मलैस्री, नॉर्थवेस्टर्न मेमोरियल हॉस्पिटल। मेडिका इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज (एमआईसीएस) के कार्डियक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. कुणाल सरकार और पश्चिम बंगाल के थोरैसिक और कार्डियोवास्कुलर सर्जन एसोसिएशन के अन्य प्रसिद्ध डॉक्टर इस कार्यशाला का अभिन्न अंग थे।
अमेरिकन एसोसिएशन फॉर थोरेसिक सर्जरी विश्व स्तर पर कार्डियक सर्जनों की सर्वोच्च शैक्षणिक संस्था है। पत्रिकाओं, अकादमिक अनुसंधान प्रकाशनों के माध्यम से वे अपने अकादमिकध्शैक्षणिक ज्ञान विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से जिस विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करते हैं, वह कार्डियो थोरेसिक सर्जन के क्षेत्र में लगभग सोने के बराबर है। कार्यशाला में संरचनात्मक और कोरोनरी हृदय रोग पर विशेष ध्यान देने के साथ एओर्टिक, माइट्रल, सीएबीजी से जुड़ी महत्वपूर्ण सर्जिकल प्रक्रियाओं का लाइव प्रदर्शन किया गया। टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट, शिकागो, इलिनोइस, ब्रिस्टल और क्लीवलैंड क्लिनिक जैसे संस्थानों के प्रसिद्ध सर्जनों ने दिन भर में चार सर्जरी कीं। सर्जिकल कौशल पर प्रकाश डालने के अलावा, कार्यशाला ने गहन चर्चा और व्याख्यान के लिए एक मंच प्रदान किया। विशेष रूप से, कार्यशाला का प्रभाव कोलकाता में शारीरिक रूप से उपस्थित लोगों से आगे तक बढ़ा, क्योंकि इसका दुनिया भर के सर्जनों के लिए सीधा प्रसारण किया गया था। इस वैश्विक पहुंच ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान किया। सिंगापुर और एथेंस के बीच काम करने वाले वरिष्ठ यूनानी सर्जन डॉ. कोफिडिस ने भी एथेंस से एक विशेष मामले को प्रसारित करके कार्यशाला में बहुमूल्य योगदान दिया।