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जौनसार के कई गांव में भू-धसाव से दहशत में ग्रामीण

विकासनगर। जौनसार की कालसी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत टिपऊ व मलऊ में भू-धंसाव बढ़ गया है। दरअसल 2013 से यहां पर भूधंसाव की शुरूआत हुई। दोनों गांवों के नीचे खड्ड है। जिसके उफान पर आने से नीचे कटाव होने के कारण भूस्खलन भी बढ़ गया है।
हर बरसात में यहां पर भूधंसाव बढ़ने से आंगन फट गए हैं। आंगन में काफी चौड़ी दरारें हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से गांव में भूगर्भीय सर्वे कराने की मांग की है, ताकि गांव में भूधंसाव की स्थिति पता चल सके।
टिपऊ गांव में 28 परिवार निवास करते हैं, यहां पर 650 की आबादी है और मलऊ गांव में 18 परिवार निवास करते हैं, मलऊ गांव में 450 की आबादी है। टिपऊ व मलऊ गांव के नीचे धीरे धीरे पहाड़ धंस रहा है। टिपऊ गांव निवासी चैतराम शर्मा के मकान में दरारें चौड़ी हो गयी है। करीब चार मकानों में दरार आयी है। इस वर्ष हुई वर्षा से दोनों गांवों में आंगन फट गए हैं, आंगनों में दरारें काफी चौड़ी होने से ग्रामीण भयभीत हैं।
टिपऊ व मलऊ गांव की दूरी करीब दो किलोमीटर है। टिपऊ गांव के चैतराम शर्मा का देवदार लकड़ी व पक्का मकान बना है, लेकिन पक्के मकान में बड़ी बड़ी दरारें आ चुकी हैं, जबकि लकड़ी का मकान सुरक्षित है। चैतराम शर्मा ने बताया कि मकान में दरारें आने की सूचना क्षेत्रीय पटवारी को दी गई है। कहा कि पटवारी के अलावा अभी तक गांव में सक्षम अधिकारी निरीक्षण करने नहीं आया।
कहा कि वर्ष 2013 में पजिटीलानी से भूधंसाव व भूस्खलन की शुरूआत हुई थी, खड्ड बहने की वजह से टिपऊ व मलऊ तक नीचे कटाव की स्थिति होने पर भू-धंसाव बढ़ रहा है। 19 जुलाई को क्षेत्र में मूसलधार वर्षा के कारण टिपऊ व मलऊ गांव में भू-धंसाव बढ़ा। ग्रामीण जीतराम शर्मा, चतर शर्मा, टीकाराम शर्मा आदि ने बताया कि दोनों गांव को बहुत खतरा बन गया है। गांव के नीचे वाला पहाड़ धीरे धीरे धंसने का असर गांव के मकानों में दरारों के रूप में पड़ रहा है।
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