उधमसिंहनगर, नैनीताल व देहरादून जिले होंगे सम्मानित
देहरादून। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कृषि अवसंरचना निधि के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सचिव हरबंस सिंह चुघ ने बताया कि प्रधानमंत्री-किसान योजना के तहत अच्छा कार्य करने वाले जनपदों में राज्य की तीन जनपदों को विभिन्न मापदण्डों के आधार पर प्रधानमंत्री-किसान योजना की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। बताया गया कि पर्वतीय राज्यों की श्रेणी में के लिए जनपद उधमसिंहनगर, नैनीताल एवं जनपद देहरादून को सम्मानित किया जाएगा।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कृषि अवसंरचना निधि के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष हेतु निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए तेजी से कार्य किया जाए। उन्होंने सभी जनपदों को अपने प्रस्तावों की डीपीआर मार्च 2021 के प्रथम सप्ताह तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन्नोवेटिव प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिए जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स को डेवेलप करने में यह योजना काफी कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने सभी जनपदों को ग्रोथ सेंटर्स पर फोकस किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बड़े प्रोजेक्ट्स पर अधिक फोकस किया जाए। हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर जनपद में बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। पौड़ी जनपद को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए दिए गए रू0 1.89 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष रू0 4.67 करोड़ के प्रस्ताव भेजने की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जो जनपद अच्छा कार्य कर रहे हैं, उनके लिए निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया जाए।
सचिव कृषि श्री चुघ ने बताया कि कृषि अवसंरचना निधि के तहत फसलों की कटाई के बाद फसलों के प्रबन्धन अवसंरचना और सामुदायिक खेती की सम्पत्ति के लिए गोदामों, छंटाई-ग्रेडिंग इकाईयां, पैक हाऊसों का निर्माण, लॉजिस्टिक्स और कोल्ड चेन, वेयर हाऊसों की स्थापना आदि के लिए ऋण सुविधा प्रदान की जाती है। योजना में ऋण पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट की सुविधा 7 वर्षों तक उपलब्ध रहेगी। 2 करोड़ तक के ऋण के लिए ऋण गारण्टी लागत सरकार द्वारा व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए उत्तराखण्ड राज्य के लिए रू0 157 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी जनपदों से जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।