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दिल्ली की केजरी सरकार की तर्ज पर उत्तराखण्ड में भी सरकारी मदद दें
-आम आदमी पार्टी ने सीएम त्रिवेंद्र को लिखा पत्र
देहरादून। आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर कोरोना संकट के मद्देनजर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की तर्ज पर उत्तराखण्ड की जनता को भी सरकारी मदद देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण महामारी (कोविड-19) के कारण सरकार के इसे फैलने से रोकथाम के लिये देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किये जाने कारण इसका आर्थिक व सामाजिक प्रभाव समाज के विभिन्न तबकों पर पड़ रहा है। मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में आप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने जनता की पीड़ा व परेशानियों को समझते हुये मानवीय आधार पर जनता को राहत देने की मांग की है।
उनका कहना है कि जिन परिवारों के पास राशन कार्ड हैं अथवा नहीं हैं उन सभी परिवारों को मुफ्त राशन मिले और उसके साथ रोजमर्रा के जरूरतों के समान की एक किट भी उपलब्ध करायी जाए। वृद्धवस्था पेंशन व विधवा पेंशन कोरोना संकट काल तक दोगुनी की जाये। टैक्सी, ऑटो व ई-रिक्शा चालकों को 5000 रुपये व मालिकों का एक साल का रोड टैक्स व 3 महीने का बैंक का ब्याज पूरी तरह से माफ हो। प्रत्येक कोरोना वॉरियर जिसमें सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, सफाई स्टाफ तथा पुलिस व अन्य सुरक्षा बल सहित शामिल सभी कोएक करोड़ रुपये का बीमा दिया जाए और शहीद का दर्जा दिया जाय। दिल्ली सरकार सफाई कर्मियों को भी 1 करोड़ का बीमा दे रही है। निजी स्कूल कोरोना संकट काल तक तीन महीने की फीस एक साथ नही लेंगे और केवल एक महीने की ट्यूशन फीस ही लेंगे, अन्य किसी प्रकार की फीस न लें। फीस न दे पाने पर कोई बच्चा ऑनलाइन क्लास से नहीं हटेगा। किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत मिले, फसलों की बुवाई के लिए जरूरी आवश्यकताओं का पूर्ण ध्यान रखा जाये, ताकि भविष्य में भुखमरी की स्थिति न हो इसलिए किसानों को हरसम्भव सहायता दी जाय। बारिश से खराब हुई फसल का तुरन्त स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार मुआवजा दिया जाये। मजदूर वर्ग को जो भुखमरी के कगार पर खड़ा है उसके भोजन-राशन की उचित व्यवस्था सरकारी स्तर से हो। भोजन के लिए विभिन्न शहरों में दिल्ली की तर्ज पर भोजन केंद्र शुरू किए जाये। लॉकडाउन की वजह से आम आदमी कोई नौकरी व कारोबार नहीं कर पा रहा है, ऐसे में जब तक कोरोना संक्रमण का संकट है तब तक का बिजली व पानी का बिल पूर्णरूप से माफ होना चाहिए। ताकि आम जनता को राहत पहुँच सके।
श्री पिरशाली ने कहा कि आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड की जनता के हितों का ध्यान रखते हुये मानवीय आधार पर उपरोक्त बिन्दुओं पर प्रभावी निर्णय लेकर प्रदेश की जनता को राहत पहुचायेंगे।