भारत में अब नियंत्रण में है कोरोना का प्रकोपः-लव अग्रवाल
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से निपटने और लॉकडाउन की स्थितियों के समाधान के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश के 15 जिलों में 28 दिनों में कोराना वायरस का नया मामला नहीं आया है। वहीं देश के 80 जिले हैं जहां पिछले 14 दिनों से कोई मामला नहीं आया है। लॉकडाउन नहीं होता तो देश में कोरोना के लगभग एक लाख केस होते। कोरोना का प्रकोप भारत में अब नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में 1752 नए COVID19 के मामले सामने आए हैं और 37 मौतें हुईं हैं। कुल मामलों की संख्या बढ़कर 23,452 हो गई है, जिनमें 17915 सक्रिय मामले हैं और 4813 ठीक हो गए हैं। अब तक कुल 724 मौतें हुईं हैं। हमारी रिकवरी दर 20.57% है। उन्होंने कहा कि हम कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) की जांच करने के लिए जिला, राज्य स्तरों पर सामुदायिक निगरानी को लागू कर रहे हैं। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि जो क्षेत्र कंटेंनमेंट या हॉट स्पॉट नहीं है वहां 20 अप्रैल से कुछ गतिविधियों की अनुमति दी गई है, लेकिन गलत व्याख्या की वजह से आशंका थी कि फैक्ट्री में कोविड केस मिलने पर फैक्ट्री के CEO को सजा हो सकती है या फैक्ट्री 3 महीने के लिए सील हो सकती है। इसलिए कल गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत 6 इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीमों (IMCT) का गठन किया था,#COVID19 की स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने 4और IMCT का गठन किया है जो अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई भेजी जा रहीं हैं।
रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह ने कहा कि आज हमारा डबलिंग टाइम 9 दिन तक पहुंच गया है, ये दिखाता है कि जो महामारी तेज गति से फैल रही थी उस पर हम किस हद तक अपने प्रयासों से रोक लगा पाए हैं।COVID19 के खिलाफ लड़ाई में निगरानी हमारा प्राथमिक हथियार है। लगभग 9.45 लाख लोग निगरानी प्रणाली पर हैं। नीति आयोग के सदस्य और अधिकार प्राप्त समूह 1 के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि लॉकडाउन COVID2019 की डब्लिंग दर को धीमा करने और जान बचाने में प्रभावी रहा है। लॉकडाउन का निर्णय समय पर था, क्योंकि भारत में लगभग 23,000 मामले आज 73,000 हो सकते हैं।