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एलटी की लिखित परीक्षा में धांधली के नौ आरोपी गिरफ्तार
रूद्रपुर। सहायक अध्यापक एलटी की लिखित परीक्षा में धांधली के नौ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें बिलासपुर में तैनात फायरमैन और हल्द्वानी जेल में तैनात बंदी आरक्षी भी शामिल हैं। खुलासे के बाद में सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। वर्ष 2017 में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की ओर से सहायक अध्यापक एलटी की प्रतियोगी परीक्षा की भर्ती निकली थी। वर्ष 2018 में इसके फॉर्म भरे गए। वर्ष 2019 में लिखित परीक्षा हुई।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अनुसचिव राजन मैठाणी के संज्ञान में आया कि इस परीक्षा में फर्जी तरीके से प्रतिभाग कर नौकरी पाने का प्रयास किया गया है। इस पर उन्होंने देहरादून के रायपुर थाने में तहरीर सौंपी। जिस पर मुकदमा दर्ज किया गया और फिर परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दी गई। जांच में सामने आया कि परीक्षा का केंद्र ऊधमसिंह नगर बनाया गया था। इसके बाद ऊधमसिंह नगर जिला पुलिस की ओर से मामले की विस्तृत जांच की गई। इस दौरान पता चला कि सभी फॉर्म एक ही व्यक्ति ने भरे हैं। फॉर्म भरने के दौरान टोकन के तौर पर दस हजार रुपये और परीक्षा पास कराने के लिए करीब दो लाख रुपये पर सहमति बनी थी। जांच में अभ्यथियों के सेवायोजन कार्यालय के रजिस्ट्रेशन नंबर चेक किये गये तो इसमें अधिकांश नंबर बंद चल रहे थे। फॉर्म में दिए नंबर मोबाइल नंबरों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया तो इसमें कासमपुर मुरादाबाद निवासी सुरेश पुत्र रमेश का मोबाइल ही बैंक से पंजीकृत था। इसके चलते बैंक से संपर्क कर सुरेश की फोटो प्राप्त करने के बाद उसकी तस्दीक की गई और उसे मुरादाबाद पहुंचकर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सुरेश ने बताया कि उसने यह परीक्षा परिचित कांठ मुरादाबाद निवासी सर्वेश यादव के कहने पर दी थी। सुरेश एक प्राइमरी स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस टीम ने सुरेश की निशानदेही पर सर्वेश को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सर्वेश ने बताया कि इसका मास्टरमाइंड देवेंद्र कृष्ण है जो अमरोहा में फायरमैन के पद पर कार्यरत है। इसके बाद देवेंद्र के बारे में और जानकारी जुटाई। पता चला कि वह परीक्षा के समय में अमरोहा में तैनात था, लेकिन वह अब बिलासपुर में तैनात है। इस पर पुलिस टीम ने बिलासपुर पहुंच कर उसे गिरफ्तार कर लिया। मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद टीम को और जानकारियां मिलीं। इसके बाद पुलिस ने जसपुर निवासी अवतार सिंह, अनिल कुमार, अंचल कुमार, सोनू सिंह, धर्मेंद्र सिंह, काशीपुर निवासी अंकित कुमार को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया।